हिमाचल की हिंदी कहानियों का मलयालम में अनुवाद, पुस्तक का सीएम करेंगे लोकापर्ण
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- Nov 08, 2024
मंडी, 8 नवंबर (हि.स.)। पहाड़ और समुद्र के बीच की दूरी के अलावा हिमाचल प्रदेश और केरल के मौसम, पर्यावरण, जनजीवन रहन-सहन, भाषा-बोली में भिन्नता के बावजूद एक दूसरे को जानने समझने की उत्सुकता सदैव बनी रहती है। इसी कड़ी के चलते केरल की साहित्यिक संस्था भाषा समन्वय वेदी की ओर से हिमाचल की 21 कहानियों का हिंदी से मलयालम में अनुवाद कर एक पुस्तक प्रकाशित की है। इस पुस्तक के मुख्य संपादक डाण् आर सुरेंद्रन आरसु हैं और संपादक डाण् केसी अजय कुमार हैं। वहीं पर अनुवादक बंधुत्व यात्रा में केरल के बीस अनुवादकों का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल की यात्रा पर है।
इस प्रतिनिधि मंडल द्वारा शनिवार नौ नवंबर को शिमला में मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात की जाएगी। वहीं पर मुख्यमंत्री इस पुस्तक का विमोचन भी करेंगे। जबकि 11 नवंबर को ऐतिहासिक गेयटी थियेटर केरल और हिमाचल के साहित्यकारों का आपसी संवाद रखा गया है। अनुवादक बंधुत्व यात्रा के संयोजक डाण् आर सुरेंद्रन आरसु ने बताया कि हिमाचल के 21 कहानीकारों की कहानियों का इस पुस्तक में मलयालम में अनुवाद किया गया है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल की चुनिंदा कहानियों को इसमें शामिल किया गया है। जिनमें हंसराज भारती स्थनांतरण जिसका मलयाली अनुवाद डाण् टीण्एनण् सतीश ने किया है। मशहूर लेखक निर्मल वर्मा की कहानी पर्वत का अनुवाद डाण् एमण्केण् प्रीताए बद्री सिंह भाटिया की कहानी ठिठके हुए पल अनुवाद सफिया नरिमुक्किलए महाराज कृष्ण काव की कहानी दशानन अनुवाद डाण् पीण्केण् राधामणिए सुदर्शन वशिष्ठ की भोला ब्राम्हण अनुवाद डाण् आरसु द्वारा किया गया है। इसके अलावा कथाकार मुरारी शर्मा की कहानी हवाओं का रूख जिसका मलयालम में अनुवाद डा. पी.गीता और डा. गंगा राम राजी की कहानी कबूतर अनुवाद डा. षीना ईप्पन द्वारा किया गया है, भी इस संग्रह में शामिल हैं।
साहित्यकार डा. गंगाराम राजी ने कहा कि यह पुस्तक हिमाचल के साहित्यकारों की रचनाओं से केरल के पाठकों का परिचय करवाएगी। उन्होंने बताया कि देश में साक्षरता के मामले में केरल और हिमाचल अव्वल रहे हैं, इससे हिमाचल की संस्कृति और लोकजीवन को समझने में मलयालम भाषा के पाठकों को मदद मिलेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा