बांग्लादेश में हिन्दुओं को मिले पूर्ण सुरक्षाः युद्धिष्ठिर कृष्ण दास

बांग्लादेश में सनातन अनुयायियों पर हो रहे विरोध को लेकर वृंदावन में हुआ हरिनाम संकीर्तन शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश के हिन्दू की रक्षा, न्याय और सुरक्षा के लिए चंद्रोदय मंदिर का आवाहन

मथुरा, 01 दिसम्बर(हि.स.)। भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर के भक्तों ने रविवार बांग्लादेश में सनातन धर्म के अनुयायियों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में उनकी शांति, न्याय और सुरक्षा के लिए हरिनाम संकीर्तन कर शांतिपूर्ण विरोध व्यक्त किया। चंद्रोदय मंदिर के उपाध्यक्ष युद्धिष्ठिर कृष्ण दास ने कहा कि बांग्लादेश में सनातनियों को धार्मिक कट्टरपंथियों के हाथों दबाने का प्रयास किया जा रहा हैं। वह बांग्लादेश सरकार से आग्रह करते हैं कि वह वहां रह रहे हिन्दुओं को बिना किसी भय और उत्पीड़न के अपने धर्म और सिद्धांतों का पालन करने के लिए सुरक्षा और स्थान प्रदान करें।

अखिल भारतीय चतुः संम्प्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास जी महाराज ने कहा कि सनातन के विघटन का सबसे बड़ा कारण जातिवाद है। हमारी एकता ही हमारा शस्त्र है। अब समय सुदर्शन धारी कृष्ण के सिद्धांतों पर चलने का है। वहीं महामण्डलेश्वर नवल गिरी जी महाराज ने कहा कि देश में अभी सनातन प्रेमियों की सरकार है। देश भारत के शीर्ष नेतृत्व की तरफ देख रहा है कि बांग्लादेश में सनातनियों पर हो रहे अत्याचार को रोका जाए एवं उन्हें रक्षा, सुरक्षा और न्याय मिले। संस्थापक ब्रज तीर्थ देवालय न्यास मृदुल कांत शास्त्री जी ने बाग्लादेश में हो रहे नरसंहार की खुले दिल से निंदा करते हुए कहा कि यदि हम अपना रोष केवल शांति सभाओं के माध्यम से व्यक्त करेंगे तो इस देश के चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हो उन्हें हमारी समस्या समझ में नहीं आने वाली।

धर्म रक्षा संघ के संयोजक आचार्य बद्रीश ने कहा कि विपक्ष के किसी नेता का बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर किसी प्रकार का कोई बयान नहीं आया। वहीं संभल में हुई घटना पर लोकसभा और राज्यसभा नहीं चल पा रही है। आपकों हमें यह समझना होगा कि कौन हमारे साथ है और कौन देश विरोधी।वहीं क्रान्तिकारी संत सत्यमित्रानंद ने कहा कि सनातन है तो हम हैं। समय अब सनातन विरोधी ताकतों को मुंह तोड़ जाबाव देने का है। आधुनिक युग में सोशल मीडिया का प्रयोग सभी कर रहे हैं। उसमें ही सही कोई सनातन धर्म पर व्यर्थ टिप्पणी कर रहा है। उसे उसकी भाषा में समझाना चाहिए। यही कलिकाल की आश्यकता भी है।इस अवसर पर चंद्रोदय मंदिर में आयोजित हरिनाम संकीर्तन में बाग्लादेश में सनातनियों के जीवन में शांति, न्याय और सुरक्षा की भावना को प्रबल करने के उद्देश्य से हजारों की संख्या में भक्तगण चंद्रोदय मंदिर पहुंचे।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार

   

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