किन्नौर में मोटे अनाज की खेती को मिलेगा वानिकी परियोजना का सहयोग

रिकांगपिओ, 7 नवंबर (हि.स.)। जिला किन्नौर के निगुलसरी क्षेत्र में मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती को बढ़ावा देने के लिए जाइका वानिकी परियोजना सहयोग करेगी। यह सहमति ग्राम वन विकास समिति निगुलसरी की मांग पर मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी ने दी। रस्तोगी ने अपने किन्नौर वन मंडल के दौरे के दौरान इस मुद्दे पर ग्राम वन विकास समिति के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और मोटे अनाज की खेती के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

समिति ने निगुलसरी क्षेत्र में 10 से 15 हेक्टेयर जमीन पर पौधरोपण की इच्छा जताई। रस्तोगी ने वन परिक्षेत्र अधिकारी भावनगर को निर्देश देते हुए कहा कि नर्सरी में प्रयोग न आने वाले क्षेत्रों की विस्तृत रिपोर्ट एक सप्ताह में सौंपे, ताकि वहां औषधीय पौधे लगाए जा सकें।

इसके अलावा रस्तोगी ने वन मंडल किन्नौर में जाइका वानिकी परियोजना के तहत चल रही गतिविधियों का निरीक्षण किया। उन्होंने वन परिक्षेत्र निचार के बरी क्षेत्र में हिमट्रेडिशन ब्रांड के प्राकृतिक उत्पादों और परिधानों की बिक्री के लिए आउटलैट का शुभारंभ किया। बरी महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार की गई यूनिफॉर्म की सराहना करते हुए रस्तोगी ने समूह के सदस्यों से अन्य गतिविधियों के लिए कुल्लू एक्सपोजर विजिट की मांग की। इस पर उन्होंने नियमानुसार निर्णय लेने का आश्वासन दिया।

मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी ने दो नवंबर को किन्नौर महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को जाइका वानिकी परियोजना की गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में यह परियोजना राज्य के 22 वन मंडलों में वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन और आजीविका सुधार के कार्य कर रही है

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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