हिंदुत्व के शौर्य को नष्ट नहीं कर पाए आक्रांता : गोपाल शर्मा

जयपुर, 27 सितंबर (हि.स.)। आदर्श नगर दशहरा मैदान में चल रहे चार दिवसीय हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के अंतर्गत शुक्रवार को दी हिंदू स्पिरिचुअल अवेकनिंग कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। सत्र में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राजीव शर्मा, भारतीय सेना की अधिकारी रहीं कैप्टन मीरा सिद्धार्थ दवे, वरिष्ठ पत्रकार एवं सिविल लाइंस विधायक डॉ गोपाल शर्मा और डाटा साइंटिस्ट डॉ एस नरेंद्रन ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। सत्र का संचालन मोटिवेशनल स्पीकर मंजूषा राजस जोहरी ने किया। इस अवसर पर हिंदू आध्यात्मिक सेवा फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक एवं वरिष्ठ प्रचारक गुणवंत सिंह कोठारी, आयोजन समिति के अध्यक्ष सीए सुभाष चंद्र बाफना, सचिव सोमकांत शर्मा, उपेन्द्र मिश्र, नवनीत सिंह भी उपस्थित रहे।

दी हिंदू स्पिरिचुअल अवेकनिंग कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि हिंदुत्व वज्रादपि कठोराणि मृदुनि कुसुमादपि के सूत्र पर चलता है। संसार के पालन में यह फूलों से भी कोमल भाव रखता है जबकि संसार की रक्षा के लिए यह वज्र से भी अधिक कठोर वीरता धारण करता है। आज विश्व में अशांत परिस्थितियां हैं क्योंकि विश्व हिंदुत्व के मार्ग से किंचित भटक गया है। हिंदुत्व, जो शाश्वत और सनातन है। यह सृष्टि तभी सुरक्षित रहेगी जब हिंदुत्व बचा रहेगा। हिंदुओं पर ही इस ब्रह्मांड की रक्षा का भार है। जब संसार में यहूदी, पारसी इत्यादि जातियों पर अस्तित्व का संकट आया तो उन्होंने भारत में ही शरण ली। भारत जगद्गुरु तो था, साथ ही आर्थिक रूप से भी दुनिया में सबसे समृद्ध था। यह हिंदुत्व की ताकत थी। दुनियाभर के लोग भारत पहुंचे और यहीं के होकर रह गए। बीच में कुछ दूषित मानसिकता के लोग भी आए और भारत के वैभव को लूटा। इतिहासकारों के आंकड़ों को देखें तो 7वीं शताब्दी से 17वीं शताब्दी के मध्य 40 करोड़ हिंदुओं का नरसंहार हुआ। उन्होंने एक - एक दिन में हजारों हिंदुओं को मारा लेकिन हिंदुत्व के शौर्य को नष्ट नहीं कर पाए।

मेगस्थनीज, ह्वेंसांग, फाह्यान जैसे समस्त विदेशी यात्रियों ने हिंदुओं के लिए समान बात कही कि हिंदू सरल हैं, सत्यनिष्ठ हैं, नैतिक हैं। हिंदू विश्व कल्याण की भावना के साथ जीता है। यही हिंदुत्व का सार है। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राजीव शर्मा ने कहा कि अद्वैत और वेद शिक्षा को वर्तमान परिस्थितियों के संदर्भ में विचार रखे। उन्होंने कहा कि वेदों के अध्ययन से राष्ट्रीय अखंडता को मजबूती मिलेगी। भारतीय सेना की अधिकारी रहीं कैप्टन मीरा सिद्धार्थ दवे ने कहा कि भारत अनंत हैं। सनातन है। जिसका न प्रारंभ है और न अंत है। इंडिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश के सबके स्थापना दिवस हैं लेकिन भारत का नहीं। हां इंडिया का जन्म जरूर 15 अगस्त, 1947 को हुआ। हम जब अपनी सभ्यता और संस्कृति की शक्ति समझने लगेंगे तो ही हम दुनिया में सिरमौर बन पाएंगे।

डाटा साइंटिस्ट डॉ एस नरेंद्रन ने कहा कि भारत की जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर है और भारत के बाहर भारतीयों की जीडीपी 6.9 ट्रिलियन डॉलर है। दोनों को मिलाकर देखें तो भारत की जीडीपी 11 ट्रिलियन डॉलर होनी चाहिए। दुनिया वाले लोग हमें हीनभावना से ग्रसित करने के लिए, नीचा दिखाने के लिए गरीबों का देश कहते हैं। भारतीय स्वास्थ्य चिकित्सा सेवाओं में सबसे आगे हैं। दुनिया की हेल्थ इंडस्ट्री भारतीयों से ही चलती है। दुनिया में सबसे ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर काम करने वाले भारतीय ही हैं। इसलिए हम विश्व गुरु थे, हैं और रहेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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