बंगाल में एसआईआर के दौरान बीएलओ ऐप में ‘एडिट ऑप्शन’ की सुविधा, गलत प्रविष्टियों को ठीक करना अब आसान

कोलकाता, 01 दिसम्बर (हि. स.)। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान हुई गलत प्रविष्टियों को ठीक करने के लिए चुनाव आयोग ने सोमवार को बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) ऐप में ‘एडिट ऑप्शन’ की सुविधा शुरू कर दी है। यह व्यवस्था उन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगी, जहां चार नवम्बर से एसआईआर चल रहा है।

अब बीएलओ और ईआरओ (इलेक्ट्रोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) दोनों ही इस ऐप के माध्यम से पहले से दर्ज गलत विवरणों में सुधार कर सकेंगे। इससे पहले बीएलओ ऐप में किसी भी तरह की प्रविष्टि को एडिट या संशोधित करने का विकल्प उपलब्ध नहीं था।

आयोग के अनुसार, एसआईआर की अवधि में सात दिनों की बढ़ोतरी की गई है और इसी अतिरिक्त समय का उपयोग गलत प्रविष्टियों को सही करने में किया जा सकेगा।

चुनाव आयोग का यह निर्णय विपक्षी दलों की बढ़ती शिकायतों के बाद आया है। कई राज्यों, खासकर पश्चिम बंगाल, में आरोप लगाया गया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) बीएलओ पर दबाव बनाते हैं, जिससे गलत नामांकन और गलत प्रविष्टियां हो जाती हैं। कई मामलों में मृत मतदाताओं तथा अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम भी सूची में शामिल होने के आरोप लगे।

पश्चिम बंगाल में विपक्षी भाजपा ने भी आरोप लगाया कि जिला मजिस्ट्रेट, जो जिला चुनाव अधिकारी भी होते हैं, बीएलओ, ईआरओ और एईआरओ पर दबाव बनाते हैं।

सोमवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि आई–पैक एसआईआर प्रक्रिया के दौरान डेटा प्रविष्टियों को प्रभावित कर रहा है। उनके अनुसार इस हस्तक्षेप के कारण कई फर्जी नाम, अवैध घुसपैठियों के नाम और मृत लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल हुए हैं।

आई–पैक वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों से ही तृणमूल कांग्रेस की चुनावी रणनीति संभाल रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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