राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में दो पांच दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रारंभ
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- Nov 04, 2024
अजमेर, 4 नवम्बर(हि.स.)। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में आज “पेशेवर शिक्षक उत्कृष्टता के लिए प्रबंधन कौशल” और “संस्थागत शासन और नेतृत्व” पर दो पांच दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रारंभ हुए। एनआईटीटीटीआर, भोपाल से प्रो. आर बी शिवगुंडे, प्रो. पराग दुबे और डॉ. रोली प्रधान को प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देने के लिए विशिष्ट वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 8 नवंबर 2024 तक जारी रहेगा।
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने कहा कि, इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य हमारे शिक्षकों में नेतृत्व और प्रबंधन कौशल को सशक्त करना है, ताकि वे शिक्षा के क्षेत्र में अधिक प्रभावी और सशक्त भूमिका निभा सकें। एनईपी 2020 के तहत उच्च शिक्षा को उत्कृष्टता की दिशा में ले जाने में इस प्रकार के कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनसे न केवल शिक्षकों की व्यक्तिगत क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि उनके द्वारा छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव भी होगा।
तकनीकी सत्रों में प्रो. शिवगुंडे ने एनईपी 2020 के अनुरूप उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए प्रभावी शासन और प्रभावी नेतृत्व के बारे में बात की। उन्होंने प्रशासन और प्रबंधन के बीच अंतर को स्पष्ट किया। प्रो रोली प्रधान ने प्रबंधकीय कौशल के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि लोग अपने जन्म से ही अपनी गतिशीलता को जानते हैं। प्रबंधकीय कौशल कार्यस्थल के प्रबंधन के बारे में नहीं बल्कि उनके जीवन के बारे में हैं। शिक्षकों को पढ़ने, समझने, आत्मसात करने, चीजों को सरल बनाने और छात्रों के लिए पुनरुत्पादित करने की आवश्यकता है।
इससे पहले, पेशेवर शिक्षक उत्कृष्टता के लिए प्रबंधन कौशल के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो नीरज गुप्ता ने और संस्थागत शासन और नेतृत्व की अध्यक्षता प्रो प्रवीण साहू डीन स्कूल ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट ने की। दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रम एनईपी 2020 के अनुरूप उत्कृष्टता की संस्थागत संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों के बीच नेतृत्व कौशल और प्रबंधकीय कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
प्रो. नीरज गुप्ता ने प्रबंधन का उदाहरण देते हुए नेतृत्व कौशल विकसित करने पर जोर दिया। प्रो प्रवीण साहू ने शिक्षकों के लिए विभिन्न वैकल्पिक कौशल पर जोर दिया, जिनका उपयोग उनके व्यक्तित्व के आगे के विकास के लिए किया जा सकता है।
कार्यक्रम का समन्वय डॉ. नरेंद्र कुमार, डॉ. शैजी अहमद, डॉ. रुचि मलिक और डॉ. सुखमंदर सिंह कर रहे हैं। कार्यक्रम को कुलपति प्रो आनंद भालेराव के कुशल नेतृत्व में तैयार किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष