
जोधपुर, 15 अप्रैल (हि.स.)। धींगा गवर का मेला बुधवार को मनाया जाएगा। परम्परा व संस्कृति के इस मेले में भीतरी शहर में बुधवार की रात को महिलाओं का राज रहेगा। महिलाएं अलग अलग स्वांग रचकर शहर के भीतरी इलाके में युवकों पर बैत बरसाती नजर आएंगी। इसमें भीतरी शहर में विभिन्न स्थानों पर विराजित गवर माता को आमजन के दर्शनार्थ विराजित किया जाएगा। पिछले कई दिनों से भीतरी शहर के अनेक गली-मोहल्लों में तीजणियों की ओर से पूजन किया जा रहा है। इस दौरान आज भी तीजणियों की ओर से पवित्र जल लाने का दौर जारी रहा।
धींगा गवर मेले से एक दिन पहले तीजणियों की ओर से लोटियों में जल भरकर लाने की प्रथा है। इसमें गवर माता को पानी पिलाकर भोळावणी की जाती है। मंगलवार को भी जल लाने तीजणियां सरोवर पहुंचीं। चांदी से लेकर अनेक तरह की रंग-बिरंगी लोटियों के साथ गवर गीत गाते हुए शामिल हुई। श्रीमाली ब्राह्मण समाज द्वारा सामूहिक गणगौर पूजन किया जा रहा है। तीजणियां पत्रित्र सरोवरों से जल भर कर लाईं। समाज अध्यक्ष महेंद्र बोहरा और मंत्री नरेंद्रराज बोहरा ने बताया कि रानीसर से पवित्र जल भर कर गवर मां को अर्पण किया गया। नैवेद्या बोहरा और नैतल व्यास गवर-ईसर का स्वांग रच चल रही थीं। रास्ते में पुष्प वर्षा की गई। वहीं चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पहला पुलिया सेक्टर दो स्थित गोपी कुंज में धींगा गवर पूजन सुनीता कल्ला के नेतृत्व में किया जा रहा है जो पिछले पांच साल से अनवरत चल रहा है। शुरुआत में तो चार पांच तीजणियां ही थी लेकिन समय के साथ कारवां बढ़ता गया और आज कऱीब बीस से पच्चीस तीजणियां यहां एकत्रित होकर मनोभाव से 16 दिन पूजन करती है।
बता दे कि सुयोग्य वर की कामना और अखंड सुहाग के लिए गणगौर का परम्परागत पूजन तो पूरे प्रदेश में होली के दूसरे दिन से चैत्र शुक्ल तृतीया तक होता है, लेकिन इसके तुरंत बाद केवल जोधपुर में ही एक पखवाड़े तक धींगा गवर का पूजन होता है। ऐसे में शहर में इन दिनों धींगा गवर पूजन का उत्साह महिलाओं में चरम पर है। इस अनूठे मेले में महिलाएं अलग-अलग स्वांग रचकर गवर माता के दर्शनार्थ आती है। दर्शन के दौरान रास्ते में बाधा बनने वाले पुरुषों व युवकों को बेंत मार कर हटाती है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश