कोलाघाट में चुनाव आयोग की बैठक, विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर प्रशासन को विशेष निर्देश

कोलकाता, 09 अक्टूबर (हि.स.)।पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पूरी होने के तीन माह के भीतर विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने गुरुवार को जिला प्रशासन को पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया है।

सूत्रों के अनुसार, बुधवार को राजारहाट बैठक के बाद आयोग के अधिकारियों ने गुरुवार को कोलाघाट के बलाका भवन में झाड़ग्राम, बांकुड़ा और पूर्व मेदिनीपुर जिलों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उप-निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश भारती और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल मौजूद थे। जिलों के डीएम, एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।

आयोग ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी वैध मतदाता का नाम मतदाता सूची से न हटाया जाए। बैठक में कार्यप्रणाली और आवश्यक तैयारियों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। इसके बाद आयोग के अधिकारियों ने बूथ स्तर अधिकारियों (बीएलओ) के साथ भी अलग बैठक की।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने आधार कार्ड से जुड़ी पात्रता को लेकर कहा, “किसी भी वैध मतदाता का नाम हटाया नहीं जाएगा। आधार के मामले में कानून जो कहता है, उसी के अनुसार कार्य होगा। जिनके पास केवल आधार कार्ड है, उन्हें किसी अन्य दस्तावेज से लिंक कराना होगा। वर्ष 2002 के एसआईआर में जिनका नाम शामिल था और जो सरकारी अधिकारी हैं, उन्हें अतिरिक्त दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी।”

बैठक के दौरान स्थानीय ब्राह्मण समिति के सदस्यों ने स्थल के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ‘एसआईआर रद्द करो’ और ‘एसआईआर नहीं मानेंगे’ जैसे नारे लिखे पोस्टर लेकर विरोध जताया। पुलिस हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शन समाप्त कराया गया।

इस बीच, कोलाघाट में बीएलओ के साथ हुई इस बैठक पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को निशाने पर लिया। उन्होंने सवाल उठाया, “अभी तो चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई है, राज्य अभी आयोग के अधीन नहीं आया। फिर बीएलओ के साथ बैठक क्यों?” मुख्य निर्वाचन अधिकारी का नाम लिए बिना उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “हद से ज्यादा न बढ़ें, उनके खिलाफ कई भ्रष्टाचार के आरोप हैं, समय आने पर सब सामने आएगा।”

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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