दिल्ली में यमुना प्रदूषण के लिए एलजी ने प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया

नई दिल्ली, 14 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यमुना में बढ़ते प्रदूषण के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आआपा) की सरकार यमुना की सफाई के लिए कार्य नहीं करती। उन्होंने यहां कहा कि केजरीवाल न खुद यमुना के प्रदूषण को कम करने का कार्य करते हैं और न ही दूसरों को करने देते है ।

विनय कुमार सक्सेना ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि जून 2022 में मैंने सबको साथ ले कर नजफगढ़ नाले की सफाई का काम मिशन मोड में शुरू किया था, जिसमें यमुना की सफाई और पुनरुद्धार की जिम्मेदारी सौंपने के लिए जनवरी 2023 में एक टीम का गठन भी किया गया। मेरी अध्यक्षता में इस समिति की पांच बैठकें हुईं, जिसमें यमुना सफाई के कार्यों का युद्धस्तर पर क्रियान्वयन शुरू किया गया। उसके बाद से यमुना साफ दिखने लगी थी। यमुना धीरे - धीरे साफ़ और अतिक्रमण मुक्त होने लगी तथा पानी की गुणवत्ता में भी थोड़ा सुधार होना शुरू हुआ। इन उत्साहजनक परिणामों से तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ऐसा लगने लगा कि यमुना की सफाई का जो झूठा वादा कर उसे वह नौ साल में जरा भी पूरा नहीं कर पाए, उसका श्रेय कहीं उपराज्यपाल को न मिल जाए।

उपराज्यपाल ने कहा कि केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मुझे हाई लेवल कमेटी का अध्यक्ष बनाने वाले एनजीटी के आदेश पर जुलाई में स्टे लगवा दिया। उसके बाद पिछले पांच महीने में हुए सारे सफाई के काम ठप हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसा करके केजरीवाल भले ही मेरे यमुना सफाई के प्रयासों को रोकने में सफल हो गए लेकिन इसके बाद के 16 महीनों में उन्होंने खुद यमुना सफाई के लिए एक भी काम नहीं किया।

सक्सेना ने बताया कि इसका परिणाम आज की यमुना की बदतर स्थिति स्वयं बयां करती है। समाचार पत्रों और अन्य समाचार माध्यम यमुना की दुर्दशा की रिपोर्टों से हर रोज भरे रहते हैं। महापर्व छठ पर भी श्रद्धालुओं द्वारा यमुना में व्याप्त गन्दगी के कारण उच्च न्यायालय द्वारा नदी में अर्घ्य देना वर्जित कर दिया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

   

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