पुलिस ने आठ अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया, अपहृत दाे युवकाें काे कराया मुक्त

लखनऊ, 03 सितम्बर (हि.स.)। सुशांत गोल्फ सिटी की थाना पुलिस ने अपहरण की घटना का खुलासा करते हुए आठ अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। इनके पास से अपहृत युवकों को सकुशल बरामद कर लिया। अभियुक्तों के पास से भारी मात्रा में कई इलेक्ट्रानिक उपरकण बरामद किया है।

प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के राजा खां, सैलाब दीवान, अमन सिंह, एम सुज्वाय, राजनारायण पाल, महेश्वर विश्वकर्मा, जितेन्द्र साहू और सचिन कुमार शाह को सुशांत गोल्फ सिटी सेक्टर न्यू ए फोर के पास एक फ्लैट से गिरफ्तार किया है। अपहृत अंकित पटेल और उसके दोस्त अनीश कुमार सिंह को सकुशल बरामद किया है।

दो सितम्बर को प्रतापगढ़ निवासी पवन पटेल ने सुशांत गोल्फ सिटी थाना में मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि उनके चचेरे भाई अंकित पटेल और उसके दोस्त छत्तीसगढ़ निवासी अनीश कुमार सिंह को जानने वाले अविनश मिश्रा ने फोन के माध्यम से टिकट बुक कर कम्पयूटर का काम करने के लिए प्रयागराज बुलाया था। जब ये लोग प्रयागराज पहुंचे तो चार व्यक्तियों ने दोनों को जबरदस्ती कार में बैठाकर लखनऊ ले आये। यहां पर एक कमरे में बंद कर दिया, जहां पर पहले से मौजूद आठ लोगों ने डराया-धमकाया। उनसे साइबर ठगी का काम कराना चाहते थे। किसी तरह अपहृत व्यक्ति ने परिवार को जानकारी देते हुए वहां की लोकेशन दी। घरवालों की तहरीर और मोबाइल की लोकेशन पर पहुंचकर अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।

अभियुक्तों ने बताया कि आन लाइन महादेव गेमिंग एप्प के माध्यम से लोगों का पैसा लगवाकर कमाई करते हैं। उसी एप्प का यूजर आईडी पासवर्ड देने के लिए अकिंत और अनीस ने इन लोगों से तीन लाख रुपये लिये थे। आईडी-पासवर्ड मांगे जाने पर दोनों ने मना कर दिया। इन्हें किसी तरह प्रयागराज बुलाकर इनका अपहरण कर लखनऊ लाया गया। लागिन आईडी व पासवर्ड न देने के कारण इन्हें कमरें में बंद कर दिया गया।

अभियुक्तों ने बताया कि उनकी आय का जरिया महादवे गेमिंग एप्प से होता है। इन्होंने कई बार इस एप्प के जरिए कमाई की, जिसमें बैंक खाते खरीदते हैं। इसमें बचत खाते 25 से 30 हजार रुपये में और करंट अकाउंट से 40 से 45 हजार रुपये में लेते है। कुछ बैंक खाते ये लोग अलग-अलग आईडी पर खुलवाते हैं और पैसों का लेन अलग-अलग खातों में कराते हैं। फिर एप्प व्हाटसएप व टेलीग्राम के लिंक द्वारा लोगों को भेजा जाता है तथा लोगों से टास्क के नाम पर पैसा जमा कराते हैं तथा ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाने के नाम पर ठगी करके रुपये अकाउंट में जमा कराकर फिर उस पैसा को अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कराकर निकाल लेते हैं। अगर कोई शिकायत करता है और पुलिस उस पर कार्रवाई कर अकाउंट को फ्रीज कर देती है तो ये लोग उन खातों का उपयोग नहीं करते हैं। इस काम के लिए जो लैपटॉप, मोबाइल का उपयोग होता है, उसे भी नष्ट कर देते हैं। लखनऊ में कुछ दिन पहले आकर काम शुरू करना चाहते थे लेकिन यूजर आईडी और पासवर्ड न मिलने पर शुरू नहीं कर पाये हैं। पुलिस अब इन अभियुक्तों के अपराधिक इतिहास खंगाल रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक वरुण

   

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