नवरात्र के चौथे दिन गायत्री शक्तिपीठ में माता कुष्मांडा पूजनोत्सव आयोजित

सहरसा, 06 अक्टूबर(हि. स.)।

गायत्री शक्तिपीठ में शारदीय नवरात्र के चतुर्थ दिवस रविवार को नवदुर्गा के चौथे स्वरूप माता कूष्माण्डा का पूजन धूमधाम से किया गया।आज का ध्यान नाभिचक्र पर किया गया।माता कूष्माण्डा के पूजन से लोभ,मोह, अहंकार का नाश होता है।जिससे साधक भगवती के परम तेज को धारण करता है।अगर लोभ को संतोष की उर्जा में गमन हो तो भगवती कूष्माण्डा का साधक में प्रवेश होता है।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कम्प्यूटर शिक्षण संस्थान के नये सत्र के छात्र छात्राओं का ज्ञान दीक्षा समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।दीप प्रज्वलन में डाक्टर कल्याणी सिंह, डाक्टर सुभम कुमार,कैप्टेन गौतम सिंह,संजय वर्मा, विक्रम चौधरी तथा उमा चौधरी थे।इस अवसर पर डा कल्याणी सिंह ने कहा शारीरिक और मानसिक विकास पर ध्यान दें।सत्र को संबोधित करते हुए डाक्टर अरुण कुमार जायसवाल ने कहा-आज एक साथ ज्ञान दीक्षा एवं दीक्षांत समारोह संपन्न हो रहा है।ज्ञान दीक्षा के संबंध में कहा-ज्ञान प्राप्त करने केलिए अपने आप को तैयार करना पड़ता है।संस्कृति संस्कार तथा

अनुशाशन केलिए सजग रहना पड़ता है।उन्होंने कहा दीक्षांत समारोह का मूल उद्देश्य दक्षता प्राप्त करना है।इस अवसर पर कम्प्यूटर शिक्षण संस्थान के उत्तीर्ण छात्र छात्राओं को उपहार स्वरूप लैपटाप दिए गए।प्रथम पुरस्कार दीक्षाकुमारी,द्वितीय पुरस्कार साक्षी कुमारी तथा तृतीय पुरस्कार प्रज्ञा कुमारी को दिया गया। इसके साथ प्रमाण पत्र भी दिए गए। इस अवसर पर ललन कुमार सिंह तथा कम्प्यूटर शिक्षण संस्थान के शिक्षक समरकांत मिश्र,प्रियव्रत कुमार तथा हरिश जायसवाल थे।मां कूष्माण्डा का पूजन जयन्ती, सुवर्णा तथा अवंतिका ने करवाई। मुख्य यजमान-पंकज जायसवाल स पत्नी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार

   

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