भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस : स्वतंत्र मीडिया और नागरिक जिम्मेदारी से होगा बदलाव
- Admin Admin
- Dec 09, 2024
- भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए समाज को नैतिकता की दिशा में उठाने होंगे ठोस कदम
- भ्रष्टाचार समाज की एक गंभीर समस्या, जागरूकता फैलाने के महत्व पर जोर
ऋषिकेश, 09 दिसंबर (हि.स.)। भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भ्रष्टाचार को समाज की एक गंभीर समस्या बताते हुए इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने के महत्व पर जोर दिया। स्वामी ने कहा कि भ्रष्टाचार न केवल किसी राष्ट्र की नैतिकता को कमजोर करता है, बल्कि यह समाज की संस्थाओं और नागरिकों के जीवन स्तर को भी प्रभावित करता है।
स्वामी चिदानन्द ने कहा कि भ्रष्टाचार की शुरुआत व्यक्तिगत लाभ की लालसा से होती है, लेकिन यह आज समाज के गहरे ताने-बाने में समाहित हो चुका है। यह अब एक सामाजिक मानदंड की तरह माना जाने लगा है, जो समाज के लिए अत्यंत घातक साबित हो रहा है। भ्रष्टाचार का प्रतिरोध करना केवल सरकारी नीतियों या कानूनों के माध्यम से नहीं हो सकता, बल्कि इसके लिए प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।
स्वामी चिदानन्द ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक स्वतंत्र मीडिया ना केवल भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करती है, बल्कि यह समाज को इसके दुष्प्रभावों से भी अवगत कराती है। मीडिया की स्वतंत्रता किसी भी लोकतांत्रिक समाज का बुनियादी हिस्सा है, और यह समाज में नैतिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती है।
स्वामी चिदानन्द ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हम केवल कानूनी प्रयासों तक सीमित नहीं रह सकते, बल्कि हमें अपने बच्चों और युवाओं को नैतिक मूल्यों से शिक्षित करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल किसी सरकार या संस्था का कार्य नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन है जिसे हर नागरिक को अपने स्तर पर समर्थन देना होगा।
स्वामी ने नागरिकों से अपील की कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे प्रयास तभी सफल होंगे जब हम पूरी ईमानदारी से अपने दायित्वों का पालन करेंगे और समाज में नैतिकता का प्रचार करेंगे। एक छोटा सा प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। स्वामी चिदानन्द ने यह भी कहा कि समाज में भ्रष्टाचार की जड़ें कमजोर करने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हर एक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का अहसास हो। उनका मानना है कि जब हर नागरिक अपने स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होगा तो यह आंदोलन अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचेगा।
इस अवसर पर उन्होंने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा कि इन प्रयासों को तब तक पूरी तरह से प्रभावी नहीं बनाया जा सकता, जब तक समाज का हर सदस्य इसके खिलाफ उठ खड़ा नहीं होता। स्वामी चिदानन्द ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है और जब तक हम इसे अपनी जिम्मेदारी समझकर इसे नकारेंगे नहीं, तब तक यह समस्या समाज से नहीं जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / विक्रम सिंह