जूनियर डॉक्टरों का अनशन : धरना स्थल से चौकी तक उठा ले गई पुलिस, बाद में लड़कर वापस ले आए डॉक्टर

कोलकाता, 08 अक्टूबर (हि.स.)। आर.जी. कर कांड के खिलाफ कोलकाता के धर्मतला में धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों को पुलिस लगातार किसी न किसी तरीके से परेशान कर रही है। आलम ऐसा है कि धरना मंच पर मौजूद चौकी, जिसका इस्तेमाल डॉक्टर आराम करने के लिए करते थे, उसे भी पुलिस उठा ले गई। हालांकि, बाद में जूनियर डॉक्टरों ने पुलिस से झगड़ कर चौकी वापस ले आए। कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने पुलिस के साथ हुए विवाद के बाद अपनी जब्त की गई चौकियों को वापस पा लिया। सोमवार शाम को बउबाजार थाने के सामने जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और फिर देर रात चौकियों को अपने कंधों पर उठाकर अनशन स्थल पर लौटे। इसके बाद उन्होंने पुलिस के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया।

डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस ने उनके आंदोलन को बाधित करने के लिए चौकी जब्त किया। लेकिन उन्होंने कंधे पर चौकी उठाकर इसे प्रतीकात्मक विरोध के रूप में लिया। डॉक्टरों ने कहा कि हमारे लिए यह सिर्फ विरोध का प्रतीक है। पुलिस ने साइकल वैन और आठ चौकियों को छोड़ दिया, लेकिन हम अपनी विरोध की ताकत दिखाने के लिए खुद इन्हें कंधे पर उठाकर ले जा रहे हैं।

चार दिनों से धर्मतला में चल रहे इस अनशन के दौरान सोमवार रात को पुलिस और जूनियर डॉक्टरों के बीच विवाद ने तूल पकड़ा। डॉक्टरों का आरोप है कि अनशन स्थल पर बैठने के लिए लाई गई चौकियों को पुलिस ने जब्त कर लिया था। इसके बाद बउबाजार थाने के सामने डॉक्टरों ने धरना दिया। थाने के मुख्य द्वार के सामने डॉक्टरों ने नारेबाजी करते हुए बैठकर विरोध जताया।

जूनियर डॉक्टरों की इस अनशन की मांगें आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े 10 प्रमुख मुद्दों से संबंधित हैं। शनिवार रात से यह अनशन जारी है, और डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस इस आंदोलन में हर कदम पर बाधा डाल रही है। पहले बायो-टॉयलेट्स को लेकर विवाद हुआ और अब चौकियों को जब्त किया गया। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि अनशन स्थल पर बैठने के लिए कुछ प्लास्टिक की कुर्सियां भी लाई गई थीं, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया।

पुलिस ने इस पर सफाई दी है कि जिस रास्ते से चौकियां लाई जा रही थीं, वहां रिक्शा चलाने की अनुमति नहीं थी, इसलिए उन्हें रोकना पड़ा। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में बहस हो गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने थाने के सामने धरना देना शुरू कर दिया।

इस बीच, सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने प्रेस कांफ्रेंस कर अनशनरत डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। दूसरी ओर, आंदोलन के समर्थन में 'ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स' ने जूनियर डॉक्टरों के साथ जुड़ने का फैसला लिया है और अनशन का यूट्यूब पर लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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