भारतीय संस्कृति का डंका आज विदेशों में भी बज रहा :  शशांक मणि

-- कला प्रवाह मंदिर परम्पराओं के महोत्सव की शृंखला : शशांक मणि

देवरिया, 09 नवम्बर (हि.स.)। सदर सांसद शशांक मणि के प्रयास से संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार के नेतृत्व में मां देवरही मंदिर के प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम कला प्रवाह में देश के विभिन्न भागों से आए हुए कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन शनिवार को किया। सदर सांसद शशांक मणि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति का डंका आज विदेशों में भी बज रहा है।

उन्होंने कहा कि अभी एक दिन पहले ही हमने भारत के समृद्धि की प्रतीक छठ मां के त्यौहार को देश और विदेशों में व्यापक रूप से मनाया है । सांस्कृतिक आयोजनों से आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती हैं । देवरिया जनपद आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रवाह का बहुत बड़ा क्षेत्र है। इसके पूर्व संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में आयोजित कला प्रवाह का उन्हाेंने उद्घाटन किया। सदर सांसद शशांक मणि, अकादमी की अध्यक्ष डाॅ. संध्या पुरेचा और गौरी मणि ने मां देवरही की पूजा अर्चना की तथा परिसर में स्थित पोखरे के चारों ओर दीप जलाया और आरती किया।

अकादमी की अध्यक्ष डाॅ.संध्या पुरेचा ने कहा कि मंदिर परम्पराएं हमेशा से भारत की विविध सांस्कृतिक परम्पराओं का हिस्सा रहीं हैं। प्राचीन काल से ही ऐसे उत्सव देश के विभिन्न मंदिरों में आस्था और उत्साहपूर्वक आयोजित किए जाते रहे हैं। संगीत नाटक अकादमी ने अनुभव किया है कि समय के साथ यह मंदिर परम्पराएं क्रमशः क्षीण पड़ती गईं और अपने सांस्कृतिक महत्व एवं अस्मिता से दूर होती चली गईं। इस प्रकार आज विलुप्ति के कगार पर जा पहुँची है।अकादमी अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में संगीत नाटक अकादमी ने देश की मंदिर परम्पराओं को पुनर्जीवित करने की चुनौती स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों की श्रृंखला रुकेगी नहीं आगे भी होती रहेगी।

राज्य सभा सांसद कुंवर आर पी एन सिंह ने कहा कि कला जीवन का एक ऐसा अंग है जिससे एक आत्मिक ऊर्जा के साथ साथ आंतरिक शांति भी प्रदान करती है। आज के इस व्यस्ततम और भाग दौड़ की जिंदगी में कुछ समय के मधुर संगीत सुनकर मन को असीम शांति का अनुभव प्राप्त होता है। भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि भारतीय कला को जानने के लिये उपवेद, शास्त्र, पुराण और प्राचीन साहित्यों का अध्ययन और इनकी साधना करनी पड़ती है तब जाकर एक कलाकार अपनी संस्कृति की सुंदर छाप जनता के दिल में स्थापित करता है। कला के क्षेत्र में हमारी सरकार अपना पूरा सहयोग दे रहीं है।

कार्यक्रम के तहत शनिवार को देवरिया की भजन गायिका पूनम त्रिपाठी एवं उनके साथी कलाकारों ने भगवान गणेश की वंदना कर अपने भजनों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। आल्हा गायन कलाकार महंत यादव एवं उनके साथी कलाकारों ने भी अपनी सुंदर प्रस्तुति दी। इसके पश्चात गौरा गणपती मुखौटा नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसे देखकर श्रोताओं ने आनंद का अनुभव किया । पौराणिक ढोल वादन भैरव नृत्य जागरी सांस्कृतिक कला मंच समिति, उत्तराखंड द्वारा प्रस्तुत किया गया । दिल्ली से आई प्रसिद्ध कलाकार सिंधु मिश्रा ने भरतनाट्यम की सुंदर प्रस्तुति दी ।

इस अवसर पर तमकुहीराज के विधायक डा असीम राय, एस डी एम सदर विपिन द्विवेदी, नपा अध्यक्ष अलका सिंह, मारकंडे शाही, अखिलेश त्रिपाठी, डा अभय दिवेदी, राजेश मिश्रा, डब्लू मणि, प्रेम अग्रवाल, गंगा शरण पांडे, दिवाकर मिश्रा, भारती शर्मा, रमेश वर्मा, पवन मिश्रा, दुर्गेश नाथ त्रिपाठी सहित हजारों लोग उपस्थित रहे ।

हिन्दुस्थान समाचार / ज्योति पाठक

   

सम्बंधित खबर