मां चामुंडा मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, माता के जैकारे लगे

जोधपुर, 3 अक्टूबर (हि.स.)। मां जगदंबा के नौ स्वरूपों की आराधना व आत्मशुद्धि साधना का पर्व शारदीय नवरात्रा गुरुवार को घरों व मंदिरों में घट स्थापना के साथ आरंभ हुआ। शारदीय नवरात्रा पर अभिजीत काल में घर-घर घट स्थापना की गई। वहीं कई मौहल्लों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है। गुरुवार को पहले ही दिन हजारों श्रद्धालुओं ने मेहरानगढ़ स्थित चामुंडा माता के दर्शन किए। इससे पहले ब्रह्म मुहूर्त में मां चामुंडा के साथ ही अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का जलाभिषेक कर नई पोशाक पहनाई गई। दोपहर में पूर्व नरेश गजसिंह ने सपत्निक मां चामुंडा की पूजा अर्चना की। इसके साथ ही शहर में अन्य सभी देवी मंदिरों में भी भीड़ रही। इन मंदिरों को आकर्षक रोशनी से सजाया गया है। यहां पूरे नवरात्रा विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों की धूम रहेगी।

मेहरानगढ़ स्थित मां चामुंडा मंदिर में नवरात्रा के प्रथम दिन गुरुवार को अलसुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार आरंभ हो गई। मां चामुंडा मंदिर में पुजारियों की ओर से ब्रह्म मुहूर्त में मां चामुण्डा, मां कालका, मां सरस्वती व बच्छराजजी की मूर्तियों का पवित्र जल से स्नान करवाया और लाल रंग की कोर तुर्रियां लगी पोशाक धारण करवाई। मंदिर के शिखर मुख्य और चारों दिशाओं में छोटी-छोटी ध्वजाएं चढ़ाई गई। जोधपुर के पूर्व राजपरिवार की इष्ट देवी मां चामुण्डा की पूर्व नरेश गजसिंह ने पत्नी हेमलता राजे के साथ पूजा अर्चना की। चामुण्डा मंदिर के पास उपासनालय कक्ष में नौ वेदपाठी ब्राह्मण 11 अक्टूबर तक दुर्गापाठ का वाचन करेंगे। नवरात्रा के अंतिम दिन से पूर्व होमाष्टमी की रात हवन प्रारंभ किया जाएगा जिसकी पूर्ण आहुति बारह अक्टूबर नवमी को सुबह 10.35 से 11 बजे के बीच में गजसिंह एवं हेमलता राज्ये द्वारा की जाएगी।

नवरात्रा के उपलक्ष में मेहरानगढ़ स्थित चामुण्डा माता मंदिर के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। किले के अंदर व बाहर पुलिसकर्मी तैनात किए गए है। इनमें महिला अधिकारी व जवान भी शामिल हैं। शाम पांच बजे किले का मुख्य गेट बंद कर दिया जाएगा। इससे पहले अंदर आने वालों को मंदिर के दर्शन करने की अनुमति रहेगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। किले के अंदर मेहरानगढ़ ट्रस्ट और किले के बाहर पुलिस के अभय कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर के अधीन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। किसी भी तरह की भगदड़ व धक्का-मुक्की से बचने के लिए किले में बैरिकेडिंग की गई है। महिलाओं व पुरुष दर्शनार्थियों के लिए आने व जाने की अलग-अलग व्यवस्था की गई है।

घुटनों के बल चलकर दर्शन करने आए

मां चामुंडा मंदिर में दर्शनों के लिए इस बार भी दर्शनार्थियों की संख्या में इजाफा नजर आया। मां चामुंडा के दर्शन के प्रति महिलाओं, युवाओं, बच्चों और बुजुर्गों में भी खासा उत्साह रहा। कई युवा घुटनों के बल चलकर यहां दर्शन करने आए। किले के जयपोल और फतेहपोल प्रवेश द्वार से सुबह सात बजे दर्शनार्थियों ने माता के जैकारे लगाते हुए प्रवेश किया। पट्टे पर महिलाओं, बच्चों व वृद्धजनों, दिव्यांगों के लिए व पुरुषों के लिए सलीमकोट से होते हुए बसन्त सागर से आने-जाने की व्यवस्था की गई है। जयपोल के बाहर से ही एक पंक्ति में लाइनों की व्यवस्था की गई जो मंदिर तक रही तथा डीएफ-एमडी गेट से ही जयपोल व फतेहपोल से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया गया। वही नवरात्र के पहले दिन आज कई श्रद्धालु दंडवंत करते वहां पहुंचे।

इस बार दस दिन के होंगे नवरात्रा

इस बार 9 की बजाय 10 दिन की शारदीय नवरात्रि होगी क्योंकि नवरात्रि की एक तिथि में वृद्धि होने के कारण शारदीय नवरात्रि 12 अक्टूबर तक होगी। सबसे खास बात यह है कि नवमी की पूजा और विजयादशमी का पर्व भी एक ही दिन मनाया जाएगा। इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि हुई है। पांच एवं छह अक्टूबर को तृतीया तिथि रहेगी। इस कारण शारदीय नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर को होगा और इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 11 अक्टूबर को दोपहर 12:07 बजे आ जाएगी। जो 12 अक्टूबर को सुबह 10.59 बजे तक रहेगी। इसके बाद दसवीं तिथि आएगी इसलिए 12 अक्टूबर को सुबह नवमी का पूजन होगा और शारदीय नवरात्रि का समापन इसी दिन माना जाएगा। शाम को दशहरा यानी विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही दशहरा पर शस्त्र पूजा भी इसी दिन होगी और शाम को रावण दहन किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

सम्बंधित खबर