उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था कामहापर्व छठ का संपन्न

अर्ध्य देते लोग

भागलपुर, 8 नवंबर (हि.स.)। उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ शुक्रवार को लोक

आस्था के महापर्व छठ का संपन्न हो गया। छठ घाटों पर देर रात से ही भक्तों की भीड़

देखी गयी।

भागलपुर के बरारी सीढ़ी घाट, बाबुपुर

घाट, हनुमान घाट, सीढ़ी घाट, कोयला घाट, आदमपुर गंगा घाट समेत अन्य छठ घाटों पर

लाखों की संख्या में छठ व्रती सूर्योदय होने के साथ ही भगवान भास्कर को अर्घ्य

देने के लिए तैयार खड़े मिले। रात के अंधेरे में छठ घाट दीयों की रोशनी से सज गये।

उदीयमान सूर्य यानी उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठ व्रती अपने 36 घंटे के

निर्जला उपवास को पूरा किया। इसी के साथ चार दिवसीय छठ पूजा का समापन हो गया। इससे

पहले गुरुवार शाम में छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया था। गंगा छठ

घाटों के अलावा कई तालाबों में भी सुबह 3 बजे से ही लोगों का पहुंचना जारी रहा।

लोग

पहुंचते रहे और छठ घाटों पर प्रसाद के सूप और डालों को सजाकर लोग रखते गए। छठ व्रत

करने वाले व्रती पानी में उतर कर भगवान भास्कर के उगने का इंतजार करते दिखे और इस

दौरान छठव्रती सूर्य की उपासना करते नजर आये। तालाबों में भी काफी भीड़ पहुंची थी।

इस दौरान छठ घाटों पर पूजा समितियों ने तालाबों को बेहतर ढंग से सजाया था। रंगीन

बल्बों और झालरों से सजा तालाबों का छठ घाट आकर्षक नजर आ रहा था। छठ व्रत के चौथे

दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत के पारण का विधान है।

चार दिनों

तक चलने वाले इस कठिन तप और व्रत के माध्यम से हर साधक अपने घर-परिवार और विशेष

रूप से अपनी संतान की मंगलकामना करता है। भगवान भास्कर का अर्घ्य देने के बाद घाट

पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने व्रतियों से ठेकुआ का प्रसाद प्राप्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर

   

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