अमित शाह 07 अक्टूबर को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 07 अक्टूबर को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को विकास सहायता प्रदान करने में निकटता से शामिल पांच केंद्रीय मंत्रालयों के मंत्री भी बैठक में शामिल होंगे। उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और केंद्र, राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारी भी विचार-विमर्श में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, केंद्र सरकार मार्च, 2026 तक वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खतरे को पूरी तरह से जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार नक्सलवाद के खतरे से लड़ने में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्य सरकारों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछली बार 06 अक्टूबर 2023 को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वामपंथी उग्रवाद समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी। उस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद के खात्मे के संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश दिए थे। मोदी सरकार की रणनीति के कारण वर्ष 2010 की तुलना में 2023 में वामपंथी उग्रवाद हिंसा में 72 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि मौतों में 86 प्रतिशत की कमी आई है और आज वामपंथी उग्रवाद अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहा है। वर्ष 2024 में अब तक सशस्त्र वामपंथी उग्रवादियों के खात्मे में सुरक्षा बलों को अभूतपूर्व सफलता मिली है। इस वर्ष अब तक 202 वामपंथी उग्रवादियों का खात्मा किया जा चुका है, 2024 के पहले 09 महीनों में 723 वामपंथी उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है जबकि 812 को गिरफ्तार किया गया है। 2024 में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या घटकर मात्र 38 रह गई है।

केंद्र सरकार ने विकास योजनाओं को प्रभावित राज्यों के सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने सहित कई कदम उठाए हैं। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 14400 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं और लगभग 6000 मोबाइल टावर लगाए गए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

   

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