मिथिला की धरती पर झूमर,कजरी,सामा- चकेवा नृत्य की प्रस्तुति देंगे पूर्णिया के कलाकार

पूर्णिया, 28 अक्टूबर (हि.स.)।

पूर्णिया के नाट्य और नृत्य ,संगीत कलाकार मिथिला की धरती मधुबनी में अपनी क्षेत्रीय कलाओं का प्रदर्शन करेंगे।यहां के कलाकारों ने कई राज्यों में जाकर अपनी कला का जलवा बिखेरा है।

पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता ,संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से मधुबनी जिला के राजनगर शमशान भूमि में असम, सिक्किम, बिहार राज्य से पूर्णिया के रेणु रंगमंच संस्थान के कलाकारों की प्रस्तुति 5 नवंबर एवं 6 नवंबर 2024 को आयोजित की जाएगी । उक्त आयोजन में भाग लेने हेतु रेणु रंगमंच संस्थान के सचिव अजीत कुमार सिंह, बप्पा के अध्यक्षता में एक बैठक कलाभवन के प्रांगण में आहूत की गई । सिक्किम , असम और बिहार तीन राज्यों के इस आयोजित महोत्सव में बिहार की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी । बैठक में उपस्थित कलाकारों का स्वागत संस्था के सचिव अजीत कुमार सिंह बप्पा ने किया ।

उन्होंने कहा काफी खुशी है कि हम बिहार की संस्कृति को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं । हमारा प्रयास रहेगा जो हमारी सभ्यता, संस्कृति है उसको कैसे बचाया जाए और उसकी पहचान बनाने में हम कलाकार अपना योगदान देते रहे। बैठक में उपस्थित नृत्य निर्देशक अमित कुवर ने बताया कि यह महोत्सव हमारे लिए गौरव की बात है । हम जैसे कलाकार अपने संस्कृति को एक पहचान दिलाने में लगे हुए हैं ।

इस महोत्सव में झिझिया, झूमर, कजरी ,सामा चकेवा जट जटीन एवं अन्य बिहार की संस्कृति गीत , नृत्य की झलक हमारे कलाकार दिखाएंगे । बैठक में उपस्थित नाट्य विभाग के संयोजक एवं बिहार कला पुरस्कार (भिखारी ठाकुर अवार्ड एवं राष्ट्रीय लोक विद पुरस्कार से) सम्मानित विश्वजीत कुमार सिंह ने बताया कि आज हमें अपने संस्कृति पर गर्व है इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए आगे बढ़कर हमें काम करना चाहिए । आज यही कलाकार हैं ,जो अपने संस्कृति को आगे बढ़ाने और इसकी पहचान दिलाने का काम कर रही हैं ।

ऐसे मौके पर उन्होंने पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक एवं सहायक निदेशक को बधाई दी है कि वह संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से केंद्र के माध्यम सभी राज्यों की संस्कृति को आगे लाने का काम कर रही है ।

हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह

   

सम्बंधित खबर