स्वदेशी के मुकाबले विदेशी नस्ल के कुकुर का पंजीयन शुल्क पांच गुना  

लखनऊ, 02 दिसम्बर (हि.स.)। लखनऊ नगर निगम ने शहर वासियों को स्वदेशी नस्ल (भारतीय नस्ल) के कुकुर को पालने की सलाह देने के बाद विदेशी नस्ल के कुकुर के पंजीयन शुल्क को एक हजार रूपये तय किया है। स्वदेशी नस्ल कुकुर के पंजीयन में मात्र दो सौ रूपये देय है, इसके मुकाबले विदेशी नस्ल के पालतू के लिए पांच गुना शुल्क देना पड़ रहा है।

नगर निगम में पालतू कुकुर के लिए जोन के अनुसार या फिर आनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गयी है। आनलाइन पंजीयन के लिए लखनऊ डॉट यूपी एनएन डॉट को डॉट इन वेबसाइट को खोलकर उसके अपने मोबाइल नम्बर को लिखने के बाद ओके किया जाता है। जिसके बाद ओटीपी आने पर उसे लिखने पर वेबसाइट खुल जाती है।

वेबसाइट के बारे में नगर निगम के अधिकारी अभिनव ने कहा कि पालतू के पंजीयन की प्रक्रिया बेहद आसान है। पंजीयन के लिए पालतू की फोटो, उसकी जानकारी में मालिक, कुकुर और नस्ल के नामों को भरकर आगे की पूछी गयी जानकारियों को भरकर सबमिट करना है। इसके बाद नगर निगम की ओर से पालतू को लेकर पहल कर पहचान और पंजीयन के कार्य को पूरा किया जाता है।

उन्होंने कहा कि शहर में पालतू में 80 फीसदी लोग कुकुर पालना ही पसंद करते हैं। इसमें भी 90 प्रतिशत लोग विदेशी नस्ल के कुकुर ही पालते हैं। कुकुर की तरह दूसरे पालतू जैसे बिल्ली, खरगोश, तोता, घोड़ा के लिए भी पंजीयन शुल्क तय है। जिसमें स्वदेशी अर्थात भारतीय नस्ल के लिए दो सौ रूपये और विदेशी नस्ल के लिए एक हजार रूपये शुल्क निर्धारित है। इसके बाद नवीनीकरण का शुल्क भी पंजीयन जितना ही तय है।

बता दें​ कि गोमती नगर क्षेत्र में लखनऊ विकास प्राधिकरण के बड़े पार्को में कुकुर को लेकर सुबह आने जाने पर रोक लगा दी गयी है। कुकुर के साथ सुबह टहलना पसंद करने वाले लोगों के लिए प्राधिकरण ने एक पार्क बनाने की घोषणा की है। वहीं नगर निगम के पार्को में पालतू ले जाने पर अभी कोई रोक नहीं है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र

   

सम्बंधित खबर