मप्र के ग्वालियर में 15 दिसंबर से शुरू होगा विश्व-स्तरीय संगीत समागम “तानसेन समारोह”

- पद्मविभूषण-पद्मश्री एवं शिखर सम्मान प्राप्त संगीतज्ञों की होंगी संगीत सभाएं

भोपाल, 07 दिसम्बर (हि.स.)। संगीत-शिरोमणि तानसेन की पावन स्मृति और उनकी अलौकिक संगीत-परंपरा को अक्षुण्य बनाए रखने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा विश्व-स्तरीय संगीत समागम “तानसेन समारोह” संगीतधानी ग्वालियर में आगामी 15 से 19 दिसम्बर तक आयोजित किया जाएगा। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस समारोह का यह 101वॉ साल है। तानसेन समारोह का प्रतिष्ठित मंच अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों एवं श्रेष्ठ संगीतज्ञों के लिए जाना जाता है। इस वर्ष भी पद्मविभूषण, पद्मश्री एवं शिखर सम्मान प्राप्त संगीतज्ञों के साथ ही प्रतिष्ठित संगीतज्ञों को आमंत्रित किया गया है, साथ ही स्थानीय एवं युवा प्रतिभावान कलाकारों को भी मंच प्रदान किया जाएगा।

प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस आयोजन की सुरमई छटा में भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रति संगीतज्ञों तथा रसिक समाज का अनन्य प्रेम, समर्पण, साधना और आस्था सजीव रूप में अनुभव की जा सकती है। अपना शताब्दी वर्ष पूर्ण कर यह प्रतिष्ठित समारोह अब अपने 101वें स्वर्णिम पड़ाव की ओर अग्रसर है। एक ऐसा पड़ाव, जहाँ परम्परा और नव-सृजन के सुर मिलकर संगीत की अनुपम गाथा रचते हैं।

शुभारंभ अवसर पर होगा सम्मान अलंकरण समारोह

उन्होंने बताया कि 101वें तानसेन समारोह के शुभारंभ अवसर पर 15 दिसम्बर को सायं 6 बजे से राष्ट्रीय तानसेन सम्मान अलंकरण एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान अलंकरण समारोह का आयोजन भी तानसेन समाधि स्थल पर किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 के राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से पंडित राजा काले, मुम्बई को गायन के लिए एवं वर्ष 2025 का पंडित तरुण भट्टाचार्य, कोलकाता को संतूर वादन के लिए प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान वर्ष 2024 का साधना परमार्थिक संस्थान समिति, मण्डलेश्वर एवं वर्ष 2025 का रागायन संगीत समिति, ग्वालियर को प्रदान किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि, संस्कृति विभाग के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी द्वारा जिला प्रशासन-ग्वालियर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एवं मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के सहयोग से प्रतिवर्ष संगीत नगरी ग्वालियर में इसका आयोजन किया जाता है।

संस्कृति मंत्री लोधी ने बताया कि तानसेन समारोह की परम्परानुसार 9 दिसम्बर, 2025 को सायं 6:00 बजे से श्री अवधबिहारी जी मंदिर, किला चौक, दतिया में प्रादेशिक पूर्वरंग श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बृजमोहन बमरेले, इंदौर का वायलिन वादन, साक्षी पण्डोले, उज्जैन का गायन, अनिरुद्ध जोशी, भोपाल का सितार वादन और मुस्कान अग्रवाल, दतिया की गायन सभा सजेगी। इसी क्रम में 13 दिसम्बर, 2025 को सायं 6:00 बजे से टाउन हॉल, पोलो ग्राउंड के सामने, शिवपुरी में भी प्रादेशिक पूर्वरंग श्रृंखला अंतर्गत संगीत सभाएं आयोजित की जाएंगी। इसमें यश गोपाल श्रीवास्तव, सागर का गायन, अमरीश गंगराड़े, भोपाल का सितार वादन, अजय पी. झा का मोहनवीणा वादन और स्थानीय कलाकारों द्वारा गायन सभा आयोजित की जा रही है।

वादी-संवादी, लाइव चित्रांकन एवं प्रदर्शनी का भी आयोजन

101 वें तानसेन संगीत समारोह में संगीत सभाओं के साथ-साथ अनुषांगिक गतिविधियों का आयोजन भी किया जा रहा है। इसके अंतर्गत राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में वादी-संवादी, समाधि स्थल पर तानसेन समारोह की प्रस्तुतियों पर एकाग्र लाइव चित्रांकन कार्यशाला एवं प्रदर्शनी, ललित कला महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा चित्र कार्यशाला एवं प्रदर्शनी, मध्यप्रदेश पर्यटन की गतिविधियां संयोजित की जा रही हैं।

ग्वालियर के विभिन्न स्थलों पर पूर्वरंग 10 से 14 दिसम्बर तक

(प्रातःकालीन सभा) गंगादास की शाला- 10 दिसम्बर, 2025, प्रात: 10 बजे

श्लोक द्विवेदी- तबला सोलो, अखिलेश अहिरवार- गायन

(सायंकालीन सभा) माधव संगीत महाविद्यालय- 10 दिसम्बर, 2025, सायं 5 बजे

-अंकुर धारकर- वायोलिन वादन, सुदीप भदौरिया- ध्रुपद गायन

(प्रातःकालीन सभा) राजा मानसिंह तोमर वि.वि.- 11 दिसम्बर, 2025, प्रात: 10 बजे

योगेश शर्मा- तबला वादन, प्रियंका शर्मा- गायन

(सायंकालीन सभा) कला वीथिका- 11 दिसम्बर, 2025, सायं 5 बजे

सजग माथुर- तबला सोलो, शरद बक्षी- गायन

(प्रात:कालीन सभा) महारूद्रमण्डल- 12 दिसम्बर, 2025, प्रात: 10 बजे

संजय आफले- पखावज, महेश दत्त पाण्डेय- गायन

(सायंकालीन सभा) शंकर गांधर्व महाविद्यालय- 12 दिसम्बर, 2025, सायं 5 बजे

मनोज नाईक- सितार, वीणा जोशी- गायन

(प्रात:कालीन सभा) धु्रपद केन्द्र- 13 दिसम्बर, 2025, प्रात: 10 बजे

श्याम रस्तोगी- सुरबहार, तेजस भाटे- ध्रुपद गायन

(सायंकालीन सभा) टाउन हॉल- 13 दिसम्बर, 2025, सायं 5 बजे

संध्या वापट- सितार, सपना मराठे- गायन

(प्रातःकालीन सभा) दत्त मंदिर- 14 दिसम्बर, 2025, प्रात: 10 बजे

अनुनय शर्मा- तबला सोलो, वल्लरी मोघे- गायन

(सायंकालीन सभा) बैजा ताल- 14 दिसम्बर, 2025, सायं 5 बजे

प्रियांशु कश्यप एवं सुयश दुबे- तबला सोलो, यश देवले- गायन

गमक श्रृंखला में होगा जसपिंदर नरुला का गायन

तानसेन समारोह अंतर्गत पूर्व संध्या पर ग्वालियर के इंटक मैदान में गमक का आयोजन किया जाता है। इसके अंतर्गत 101वें संस्करण में सुविख्यात गायिका जसपिंदर नरुला, मुम्बई की गायन सभा का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम सायं 6 बजे से प्रारंभ होगा।

मुख्य समारोह में सुविख्यात संगीतज्ञों की संगीत सभाएं

15 दिसम्बर, प्रातः 10 बजे- मजीद खाँ एवं साथी शहनाई, ढोली बुआ महाराज संत एवं सच्चिदानंदनाथ एवं साथी हरिकथा, कामिल हजरत, ग्वालियर मीलाद तथा सायं 6 बजे- विक्रम राणा, ग्वालियर शंखनाद, माधव संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन, पण्डित तरूण भट्टाचार्य, कोलकाता संतूर, आभा-विभा चौरसिया, इंदौर युगल गायन, पण्डित राजा काले, मुम्बई गायन।

16 दिसम्बर, प्रातः 10 बजेः भारतीय संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन, सुनील पावगी, ग्वालियर हवाईन गिटार, रीतेश-रजनीश मिश्र, वाराणसी युगल गायन, घनश्याम सिसौदिया, दिल्ली सारंगी तथा सायं 6 बजे- ध्रुपद केन्द्र, ग्वालियर ध्रुपद गायन, पद्मविभूषण अमजद अली खान एवं अमान-आयान अली खान बंगस, मुम्बई सरोद तिगलबंदी, रसिका गावड़े, इंदौर गायन, पद्मश्री सुमित्रा गुहा, दिल्ली गायन।

17 दिसम्बर, प्रातः 10 बजे- राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन, पण्डित नवीन गंधर्व, मुम्बई बेलाबहार, पण्डित विनोद कुमार द्विवेदी एवं आयुष द्विवेदी, कानपुर युगल गायन, डॉ. साधना देशमुख मोहिते, ग्वालियर गायन, (विश्व संगीत) सिमोन मैटिएलो, रोम बांसुरी तथा सायं 6 बजे- शारदानाथ मंदिर, ग्वालियर ध्रुपद गायन, संजीव अभ्यंकर, पुणे गायन, शैलेश भागवत, मुम्बई शहनाई, अग्निमित्रा एवं साथी, भुवनेश्वर तबला, पखावज, वायलिन एवं बांसुरी।

18 दिसम्बर, प्रातः 10 बजे- श्री साधना संगीत कला केन्द्र, ग्वालियर ध्रुपद गायन, चेतन जोशी, दिल्ली बांसुरी, डॉ. ॠषि मिश्रा, प्रयागराज गायन, सारंग लासूरकर, ग्वालियर तबला, आशीष विजय रानाडे, नासिक गायन तथा सायं 6 बजे- शंकर गंधर्व महाविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन, डॉ. मैसूर-सुमंथ मंजूनाथ, कर्नाटक वायलिन जुगलबंदी, कलापिनी कोमकली, देवास गायन, पद्मश्री शिवनाथ-देवब्रत मिश्र, वाराणसी सितार जुगलबंदी।

बटेश्वर जिला, मुरैना में विशेष संगीत सभा

18 दिसम्बर, प्रातः 10 बजे- सुधाकर देवले, उज्जैन गायन, सुभाष देशपाण्डे वायलिन, मधुमिता नकवी, भोपाल गायन।

19 दिसम्बर, प्रातः 10 बजे- बेहट, ग्वालियर में ध्रुपद केन्द्र, बेहट ध्रुपद गायन, विशाल मोघे, ग्वालियर गायन, मिलिन्द रायकर, मुम्बई वायलिन, योगिनी ताम्बे, ग्वालियर गायन तथा सायं 6 बजे- गूजरी महल, ग्वालियर में तानसेन संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन, डॉ. नलिनी जोशी, दिल्ली गायन, संगीता अग्निहोत्री, इंदौर तबला, उमा गर्ग, दिल्ली गायन।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

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