हाईकोर्ट : मसूरी में मतदाताओं की संख्या बढ़ जाने के मामले में याचिका निस्तारित, राज्य चुनाव आयाेग काे चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के निर्देश

नैनीताल, 03 अक्टूबर (हि.स.)। हाईकोर्ट ने मंसूरी नगर पालिका में लोकसभा चुनाव के बाद अचानक मतदाताओं की संख्या बढ़ जाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए राज्य चुनाव आयोग को याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।

न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार मंसूरी निवासी अनुराग थपलियाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पूर्व में हाईकोर्ट के आदेश पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने नगर पालिका के 13 वार्डों की मतदाता सूची का सत्यापन किया। मतदाता सूची का सत्यापन करने के बाद 1375 मतदाता अवैध फर्जी गए और उनको मतदाता सूची से हटाने के निर्देश दिए। सूची में कई मतदाता ऐसे पाए गए जिनका मंसूरी नगर पालिका से दूर दूर तक कोई नाता नहीं है। ये वे मतदाता हैं जो मंसूरी के आसपास के ग्राम पंचायतों के रहने वाले हैं। मतदाता सूची में कई ग्राम प्रधान भी शामिल हैं।

याचिका में कहा कि 2022 के विधान सभा चुनाव के वक्त मंसूरी नगरपालिका में 18 हजार से कम मतदाता थे और 2024 के लोकसभा चुनाव में 18500 मतदाता थे। अब होने वाले नगर पालिका के चुनाव में मतदाता सूची में यह संख्या अचानक बढ़कर 24 हजार 500 पहुंच चुकी है। शिकायत पर इनके दस्तावेजों की जांच की गई और 1375 मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाया गया। अभी भी सूची में 1000 से अधिक मतदाता ऐसे हैं जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सूची में शामिल किए गए हैं।

याचिकाकर्ता ने इस संबंध में सभी अवैध मतदाताओं की आपत्तियों पर अलग-अलग आवेदन पत्र प्रस्तुत की गई। पालिका के विभिन्न वार्डों में अवैध मतदाताओं को बिना किसी आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड व मतदाता पहचान पत्र के मतदाता सूची में शामिल किया गया है। इससे यह साबित हो रहा है कि पालिका के चुनाव को प्रभावित करने की पूर्ण योजना बनाई जा रही है। आगे भी बिना आधार कार्ड व आईडी के मतदाता सूची में शामिल होने की संभावना है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई कि इन फर्जी अवैध मतदाताओं की जांच करके मतदाता सूची से इनका नाम हटाने के आदेश राज्य निर्वाचन को दिए जाएं।

हिन्दुस्थान समाचार / लता

   

सम्बंधित खबर