'देश का प्रकृति परीक्षण अभियान' आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास : नर्वदा गुसाईं
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- Dec 09, 2024
हरिद्वार, 09 दिसंबर (हि.स.)। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे देश का प्रकृति परीक्षण अभियान की प्रगति पर चर्चा के साथ उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर में एक विशेष परीक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान के लिए उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा पद्धति को नोडल एजेंसी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डॉ. नौटियाल ने बताया कि भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा एक विशेष ऐप विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया जाएगा। यह परीक्षण पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों, शिक्षकों, छात्रों और चिकित्सा अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। यह अभियान एक महीने का है और 25 दिसंबर तक चलेगा। भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष और रजिस्ट्रार ने सभी शिक्षकों, चिकित्सा अधिकारियों और छात्रों से अपील की कि वे अधिक से अधिक नागरिकों को इस अभियान से जोड़कर उनका प्रकृति परीक्षण सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम के समापन पर रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाईं ने कहा कि देश का प्रकृति परीक्षण अभियान आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने और नागरिकों को उनकी प्रकृति के अनुसार स्वास्थ्य की जानकारी प्रदान करने का एक अभिनव प्रयास है। उत्तराखंड में इस अभियान की सफलता के लिए सभी संबंधित संस्थाओं और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है।
कार्यक्रम में भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. जे. नौटियाल, राज्य समन्वयक डॉ. डीके श्रीवास्तव व डॉ. अनिल थपलियाल, रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाईं, जिला समन्वयक डॉ. नरेश चौधरी, डॉ. भास्कर आनंद शर्मा, डॉ. अवनीश उपाध्याय, डॉ. राजीव कुरेले, डॉ. दीपिका वर्मा और बोर्ड सदस्य डॉ. विशाल वर्मा ने भाग लिया।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला