मप्र के स्वास्थ्य संचालनालय में कुर्की करने पहुंची कोर्ट की टीम, सामान बाहर निकालने पर हंगामा

कंपनी के वकील पूर्णाशीष भुइया मीडिया से बात करते हुए

भोपाल, 8 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय के भाेपाल स्थित कार्यालय में शुक्रवार को दोपहर में उस वक्त हंगामा हो गया, जब भोपाल काेर्ट के कर्मचारियों ने एक कुर्की के आदेश के अनुपालन में कार्यालय का सामान बाहर निकालना शुरू कर दिया। इस दौरान वहां पदस्थ एक महिला अधिकारी ने इस कार्रवाई का विरोध किया। उन पर कर्मचारियों और मीडियाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने का भी आरोप लगा है।

दरअसल, कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मुकदमे में राज्य स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ 19 करोड़ 34 लाख रुपये की वसूली का आदेश दिया था।जिसके लिए काेर्ट के कर्मचारी यहां पहुंचे थे। जानकारी के अनुसार कोलकाता की इंसेक्टिसाइड मैन्युफेक्चर कंपनी से मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने साल 2013 में 50 लाख 70 हजार रुपये कीमत की कीटनाशक दवाएं खरीदी थी, जिसका भुगतान नहीं किया गया। इसके खिलाफ कंपनी ने कलकत्ता हाई काेर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर हाई काेर्ट ने कंपनी को ब्याज समेत राशि भुगतान करने का आदेश दिया था। काेर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए कंपनी ने भोपाल जिला कोर्ट में एक्जीक्युशन याचिका लगाई। इस पर भोपाल कोर्ट ने स्वास्थ्य निदेशक से 19 करोड़ 34 लाख रुपये की कुर्की करने का आदेश दिया।

इस आदेश का अनुपालन के लिए कलकत्ता हाई काेर्ट के वकील पूर्णाशीष भुइया शुक्रवार को भोपाल कोर्ट के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ स्थानीय जेपी अस्पताल कैंपस में स्थित स्वास्थ्य संचालनालय के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने स्वास्थ्य संचालनालय में रखा सामान निकालना शुरू कर दिया। इस बीच स्वास्थ्य संचालक मल्लिका निगम नागर ने कहा कि यहां स्वास्थ्य निदेशक का कोई पद नहीं है। ऐसे में आप इस कार्यालय में कुर्की नहीं कर सकते हैं। उन्होंने सामान बाहर निकल निकाल रहे कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर कर दिया।

इस संबंध में वकील पूर्णाशीष भुइया ने पत्रकाराें काे बतायाकि मप्र के स्वास्थ्य संचालक को नीटापोल इंडस्ट्री ने 2013 में इन्सेक्टिसाइट सप्लाई किया था। विभाग ने 50 लाख 70 हजार रुपये कीटनाशक दवाएं ले लीं और उपयोग करने के बाद अब तक भुगतान नहीं किया। इसको लेकर हम लोगों ने पश्चिम बंगाल फेसिलेशन काउंसिल में रेफरेंस एप्लीकेशन लगाई थी। काउंसिल ने आरबीआई के अनुसार ब्याज सहित राशि अदा करने का आदेश दिया था। उस केस में ये लोग (स्वास्थ्य विभाग) हार चुके हैं। उसके बाद कलकत्ता हाई काेर्ट में उन लोगों ने केस दायर किया। वहां भी ये लोग हार चुके हैं। उसके बाद ये लोग सुप्रीम कोर्ट गए। वहां भी हेल्थ डायरेक्टर हार गए।

वकील भुइया ने बताया कि इसके बाद हम लोगों ने भोपाल जिला काेर्ट की कमर्शियल बेंच में एक्जीक्युशन की याचिका लगाई। भोपाल जिला काेर्ट ने डायरेक्टर ऑफ हेल्थ की कुर्की का आदेश दिया था। ब्याज मिलाकर कोर्ट ने 19 करोड़ 34 लाख 57 हजार 58 रुपए की रिकवरी के आदेश दिए हैं। हम लोग यहां कुर्की करने आए थे। यहां की अधिकारी मल्लिका निगम नागर यहां की डायरेक्टर (आईएएस) हैं, उनकी तरफ से यह कहा गया कि यहां पर निदेशक, डायरेक्टर ऑफ हेल्थ का कोई पोस्ट ही नहीं हैं। आप यहां की कुर्की नहीं कर सकेंगे। हम लोगों ने थोड़ा सा सामान निकाला, तो वे लोग हमें लिखकर दे रहे हैं कि ये निदेशक हेल्थ का ऑफिस नहीं हैं।

वकील भुइया ने बताया कि हम कोर्ट के ऑर्डर पर कोर्ट के स्टाफ के साथ कुर्की करने आए थे, यहां की अधिकारी ने हम लाेगाें के साथ दुर्व्यवहार किया और ऑफिस से निकाल दिया। हम कोर्ट को इसकी जानकारी देकर अतिरिक्त पुलिस बल के साथ कुर्की कराने का अनुरोध करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

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