दक्षिण कोरिया की सत्तारूढ़ पार्टी ने रुख बदला, कहा- राष्ट्रपति येओल को देशहित में हटाया जाना जरूरी

सियोल, 06 दिसंबर (हि.स.)। दक्षिण कोरिया की सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के रुख में आज आए बदलाव ने राष्ट्रपति यून सुक येओल की मुसीबत बढ़ा दी। येओल के खिलाफ नेशनल असेंबली में लाए गए महाभियोग पर शनिवार को मतदान होना है। पीपीपी इस दौरान विपक्ष का साथ देते हुए येओल के खिलाफ मतदान कर सकती है। द कोरिया टाइम्स समाचार पत्र के अनुसार, सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के नेता हान डोंग-हून ने कोरिया और नागरिकों की रक्षा के लिए राष्ट्रपति येओल को हटाने पर जोर दिया। उनकी इस घोषणा ने शनिवार को नेशनल असेंबली के पूर्ण सत्र में महाभियोग प्रस्ताव पारित होने की संभावना काफी बढ़ा दी है।नेशनल असेंबली में पीपीपी सुप्रीम काउंसिल की बैठक में हान ने कहा कि विश्वसनीय सबूतों के माध्यम से यह साफ हो गया है कि येओल ने कमांडर येओ इन-ह्युंग को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था। राष्ट्रपति ने राजनेताओं को गिरफ्तार करने के लिए सैन्य खुफिया एजेंसियों का इस्तेमाल किया था। हान ने कहा कि हालांकि उन्होंने महाभियोग पर मतदान के समय येओल का साथ देने की प्रतिज्ञा की थी। नए खुलासों के बाद उन्हें लगता है कि कोरिया गणराज्य और उसके लोगों की सुरक्षा के लिए येओल को हटाना जरूरी है।हान ने मार्शल लॉ ऑपरेशन में भाग लेने वाले सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए राष्ट्रपति यून की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ घोषणा की असंवैधानिकता को अभी तक स्वीकार नहीं किया है। अगर वह पद पर बने रहते हैं तो मार्शल लॉ को फिर दोहरा सकते हैं। उनका यह कदम कोरिया और उसके लोगों को गंभीर खतरे में डाल सकता है। हान की घोषणा के साथ पीपीपी के दो सांसदों ने महाभियोग का खुला समर्थन किया है।महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के लिए कम से कम दो-तिहाई सदस्यों की मंजूरी की आवश्यकता होती है। इसका अर्थ है कि कुल 300 में से कम से कम 200 सदस्यों का समर्थन जरूरी। चूंकि 192 सदस्य विपक्षी दलों के हैं, इसलिए कम से कम आठ पीपीपी सदस्यों की मंजूरी की आवश्यकता होगी।----------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

   

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