राज्यपाल ने मेधावी विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से नवाजा
- Admin Admin
- Dec 01, 2024
सोलन, 1 दिसंबर (हि.स.)। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सोलन जिला के नौणी स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
राज्यपाल ने मेधावी विद्यार्थियों को 12 स्वर्ण पदक प्रदान किए, जिनमें से आठ स्वर्ण पदक, छात्राओं को प्रदान किए गए। उन्होंने विद्यार्थियों को बागवानी एवं वानिकी में 119 पीएचडी की उपाधियां भी प्रदान कीं।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने एमएससी और बीएससी के विद्यार्थियों को भी उपाधियां प्रदान कीं। दीक्षांत समारोह में कुल 816 उपाधियां प्रदान की गईं। उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह उनके जीवन का महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि आज के दिन उन्हें वर्षों की मेहनत का फल मिला है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि अधिकतर स्वर्ण पदक विजेता छात्राएं हैं। उन्होंने कहा कि आज बेटियां उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है क्योंकि कृषि, बागवानी और वानिकी में महिलाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। बेटियों का बढ़ता वर्चस्व बेहतर भारत के निर्माण के दृष्टिगत दूरगामी भूमिका निभाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह अनुपात और भी बेहतर होगा। उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार को स्थापना दिवस की बधाई दी और हिमाचल प्रदेश के निर्माता और प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए दिए गए योगदान ने उन्हें अमर बना दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।
शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 49 प्रतिशत क्षेत्र में सेब का उत्पादन किया जाता है तथा कुल फल उत्पादन में इसका 84 प्रतिशत योगदान है। राज्य में सेब की अर्थव्यवस्था 5000 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने कहा कि मौसम में परिवर्तन तथा रासायनिक कीटनाशकों के अधिक प्रयोग ने फल उत्पादन से लेकर गुणवत्ता तक सारी श्रृंखला को प्रभावित किया है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय ने प्राकृतिक खेती प्रणाली अपनाने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए 2 हजार 481 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को मंजूरी दी है, जिसका प्रदेश को भी लाभ उठाना चाहिए।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / संदीप शर्मा