राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर राज्यपाल ने दिया संदेश
राज्यपाल ने राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदाें काे दी श्रद्धांजलि
देहरादून, 8 नवंबर (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा कि हम राज्य स्थापना की 24वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस यात्रा में हमारे राज्य ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे,अनगिनत सपनों को साकार होते देखा और आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारा उत्तराखंड विकास के एक नए अध्याय की ओर अग्रसर है। उन्होंने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए राज्य निर्माण आंदोलन के सभी ज्ञात-अज्ञात अमर शहीदों और आंदोलनकारियों काे श्रद्धांजलि अर्पित की है।
स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने एक संदेश जारी कर कहा कि रजत जयंती वर्ष में कदम रखते हुए हम अपने राज्य को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प लें, जहां हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपरा, और जनहित की नीतियों का सामंजस्य हो। प्रधानमंत्री के कथन को साकार करने की दिशा में और 21वीं शताब्दी के तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक बनाने की यात्रा में यह वर्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने देश के मानचित्र को गौर से देखें तो उत्तराखंड भारत के हृदय के समान नजर आता है। आज प्रदेश के विकास की प्राथमिकताएं और चुनौतियां दोनों ही हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।
राज्यपाल सिंह ने कहा कि उत्तराखंड की युवा शक्ति हमारे विकास की धुरी है। राज्य में तकनीकी संस्थान, कौशल विकास केंद्र और स्टार्टअप के अनुकूल वातावरण बनाकर हमें युवाओं को प्रोत्साहित करना है। सरकार ने नौकरियों में भी युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ठोस पहल की है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। महिलाओं की भागीदारी को मुख्यधारा से जोड़कर ही हम महिलाओं के साथ-साथ सर्व समाज की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं, जो सराहनीय हैं। सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत और सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण जैसी पहल लैंगिक समानता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। राज्यपाल ने कहा कि हिमालय का यह अंश विश्व की अमूल्य धरोहर है और इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। हमें जलवायु परिवर्तन के खतरे को देखते हुए हमें पर्यावरण सम्बंधित मुद्दों पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना और स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश को समृद्ध उत्तराखंड बनाने का हमारा स्वप्न तभी साकार होगा, जब समाज के हर तबके को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। हम उत्तराखंड के इस 25वें वर्ष को विकास की एक नई उड़ान का वर्ष मानकर एक सकारात्मक और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ेंगे। हमें अपने राज्य के हर नागरिक को विकास की इस यात्रा में सहभागी बनाना है ताकि उत्तराखंड को ‘‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’’ बनाने का लक्ष्य पूरा हो सके। आइए! हम सब मिलकर उत्तराखंड की इस नई सुबह का स्वागत करें और इसे ‘‘स्वर्णिम उत्तराखंड’’ बनाने का संकल्प लें।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार