विपरीत परिस्थितियों को अपने अनुकूल लाने का सामर्थ्य रखता है युवाः मुख्यमंत्री योगी

-रामा विश्वविद्यालय कानपुर के तृतीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री

कानपुर, 8 दिसंबर (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम, श्रीकृष्ण, भगवान बुद्ध, आदि शंकराचार्य, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, उनके चार साहिबजादों, रानी लक्ष्मीबाई, वीर सावरकर, पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह, लुईस ब्रेल, आइंस्टीन, न्यूटन के कृतित्व-व्यक्तित्व व कार्यों का उदाहरण देते हुए युवाओं को प्रेरित किया कि आपकी आयु हर चुनौती से जूझने का जज्बा रखती है। युवा हर विपरीत परिस्थिति को अपने अनुकूल लाने का सामर्थ्य रखता है। जिन्होंने देश की धारा को बदलने का कार्य किया, वे सब युवा थे। युवाओं के लिए कुछ भी असंभव नहीं, बस करने का जज्बा होना चाहिए। युवा पलायनवादी नहीं हो सकता। उसे देश-काल, समाज की वर्तमान स्थितियों की जानकारी भी होनी चाहिए। युवाओं को नवाचार, नए शोध व आसपास घटित होने वाली घटनाओं का अवलोकन करने की कार्यशैली को विकसित करना होगा। ऐसी घटनाएं सीखने व जानने का अवसर देती हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को रामा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने डॉ. बीएस कुशवाहा आयुर्विज्ञान संस्थान का शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को बधाई दी और कई विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, ड्रेनेज, नवाचार, शोध आदि को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन को कई सुझाव भी दिए। और पौधरोपण भी किया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि श्रद्धावान ही ज्ञान प्राप्त करने का अधिकारी है। जिसके मन में गुरुजन, माता-पिता व वरिष्ठों के प्रति श्रद्धाभाव नहीं है, उसे ज्ञान प्राप्त हो भी नहीं सकता। देशकाल व पात्रता का ध्यान रखा जाना चाहिए। तभी उसके अनुरूप ज्ञान से परिपूर्ण करना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में अनेक अवसर आते हैं, जो व्यक्ति को महान बनने का मौका प्रदान करते हैं, लेकिन यह विवेक पर निर्भर करता है कि उसके अनुरूप खुद को ढालने का सामर्थ्य रख पा रहे हैं या नहीं।

उन्होंने कहा कि कानपुर जनपद के अर्धविकसित क्षेत्र में चार दशक पहले जो बीज रोपा गया था, वह आज वटवृक्ष बनकर विश्वविद्यालय के रूप में शिक्षा-स्वास्थ्य, तकनीकी ज्ञान, नवाचार, शोध, निवेश व रोजगार का बेहतरीन केंद्र बनकर उभरा है। एक संस्थान विकास का माध्यम कैसे बन सकता है, यह रामा कॉलेज ने साबित किया है।

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि सत्य के आचरण के साथ धर्म के मार्ग का अनुसरण करना है। धर्म का मार्ग बहुत विराट है। वास्तव में दुनिया के अंदर धर्म को भारतीय ऋषियों ने समझा है। यह सिर्फ उपासना विधि नहीं है। किसी ऋषि ने यह कभी नहीं कहा कि जो मैं कह रहा हूं, वही सत्य है बल्कि कहा कि देश, समाज के लिए जो अच्छा लगे, उसका आचरण कर आगे बढ़ो। कोई सनातन धर्मावलंबी यह नहीं कह सकता कि जो मंदिर जाए, वही हिंदू है। वेदों-शास्त्रों में विश्वास करूं या नहीं, तब भी मेरा हिंदुज्म मुझे लेकर चलेगा। हमने धर्म को उपासना विधि, ईष्ट या ग्रंथ तक सीमित नहीं किया। कर्तव्य, सदाचार व नैतिक मूल्य का प्रवाह ही भारतीय परंपरा में धर्म माना गया है।

मुख्यमंत्री ने बच्चों को मंत्र दिया कि लिखने की आदत डालें, तकनीक से भागे नहीं, जो समाज रिफॉर्म व विज्ञान से भागा, वह कभी आगे नहीं बढ़ पाया।

उन्होंने कहा कि 1989 तक 80 करोड़ आबादी में देश में केवल आधा फीसदी लोगों के पास टेलीफोन की सुविधा थी। थोड़ा प्रयास हुआ तो यह संख्या दो फीसदी हुई। रिफॉर्म के लिए अटल जी के नेतृत्व में 1999 में कदम उठाए गए तो आज भारत में 100 करोड़ लोगों के पास स्मार्ट फोन है। एक समय था, जब टेलीफोन के कूपन बिकते थे, लैंडलाइन टेलीफोन के लिए सिफारिश होती थी लेकिन 5 जी स्वीकार करने के बाद अब सिक्स जी की तैयारी चल रही है।

समारोह में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, महापौर प्रमिला पांडेय, कुलाधिपति डॉ. सूरज बीएस कुशवाहा, कुलपति जनार्दन अमरनाथ, मुख्य संरक्षक रमा कुशवाहा, निदेशक डॉ. प्रणव सिंह, प्रतीक सिंह आदि की मौजूदगी रही।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक

   

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