सोनीपत : गांव बरोणा में फिर गैंगवार, मुनिया के भाई की हत्या से दहशत

17 Snp- ,A    सोनीपत:हत्या के बाद जांच करने में जूटे         पुलिस अधिकारी, जानकारी देते हुए खरखौदा के एसीपी जीत सिंह बेनीवाल

बराेणा गांव में गैंगवार के चलते अब तक चार की हाे चुकी है हत्या

सोनीपत, 17 सितंबर (हि.स.)। सोनीपत में खंड खरखौदा के गांव बरोणा में दाे परिवाराें की रंजिश में साेमवार की रात कुख्यात गैंगस्टर रवि उर्फ मुनिया के भाई बृजेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ताबड़ताेड़ फायरिंग से गांव में हड़कंप मच गया है। पुलिस इस मामले को गैंगवार से जोड़कर देख रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

गांव बरोणा में नीरज बवाना और राजेश बवाना गैंगों से जुड़े दो परिवारों के बीच कई सालों से रंजिश चली आ रही है। इस रंजिश के कारण अब तक चार लाेगाें की हत्या हाे चुकी है। साेमवार की रात काे बृजेश अपने घर से निकला तभी बाइकसवार हमलावरों ने बृजेश पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें बृजेश की मौत हो गई। फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के लोग पटाखों की आवाज समझ बैठे। बाद में बृजेश की हत्या की खबर फैलते ही गांव में हड़कंप मच गया। हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस, एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की टीमें मौके पर पहुंचीं। बदमाशों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस ने घटनास्थल से कारतूस और अन्य सबूत बरामद किए हैं और मामले की जांच जारी है। पुलिस इस मामले को गैंगवार से जोड़कर देख रही है। खरखौदा के एसीपी जीत सिंह बेनीवाल ने बताया कि बरोणा गांव के बृजेश की गोली मारकर हत्या की गई है। अभी तक सामने आया है कि आरोपित बाइक पर सवार होकर आए थे। पुलिस जांच कर रही है।

उल्लेखनीय है कि गांव बरोणा में लंबे समय से रवि उर्फ मुनिया (नीरज बवाना गैंग) और रवि उर्फ लांबा (राजेश बवाना गैंग) के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। इस रंजिश की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी, जब मुनिया के भाई दिनेश की हत्या कर दी गई थी। इस कांड में उसकी मां कमला घायल हो गई थीं। इसके बाद वर्ष 2018 में लांबा के पिता अतर सिंह और बाद में दिल्ली में उसके भाई जोगेंद्र की भी हत्या हुई। अब मुनिया के भाई बृजेश की हत्या कर दी गई है। गांव के मुनिया पर डीटीसी के पूर्व इंस्पेक्टर कृष्ण की हत्या का भी आरोप है। इस हत्या में रामकरण गैंग भी नामजद है। कृष्ण के बेटे अजय पर भी पुलिस ने सोनीपत कोर्ट परिसर में हमला किया था, लेकिन वह बच गया। बाद में कृष्ण की हत्या कर दी गई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र परवाना

   

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