ग्वालियरः अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर पद्मश्री सतेन्द्र लोहिया निकालेंगे “दिव्यांग सशक्तिकरण एवं संविधान गौरव यात्रा”

- पुरी उड़ीसा से शुरू होकर पोरबंदर गुजरात तक 2310 किलोमीटर की होगी यह यात्रा

- संविधान दिवस 26 नवम्बर से होगी शुरू और विश्व दिव्यांग दिवस तीन दिसम्बर को होगा यात्रा का समापन

ग्वालियर, 20 नवंबर (हि.स.)। ग्वालियर के गौरव अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग तैराक पद्मश्री सतेन्द्र लोहिया द्वारा “दिव्यांग सशक्तिकरण एवं संविधान गौरव यात्रा” निकाली जा रही है। उनकी यह यात्रा आगामी 26 नवंबर को उड़ीसा के पुरी से शुरू होकर उडीसा सहित छत्तीसगढ व मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से होते हुए गुजरात के पोरबंदर तक लगभग 2310 किमी का सफर तय करेगी। इस यात्रा का विश्व दिव्यांग दिवस 03 दिसंबर को पोरबंदर गुजरात पहुँचकर समापन होगा। यह जानकारी बुधवार को जनसम्पर्क अधिकारी मधु सोलापुरकर ने दी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में भी सतेन्द्र लोहिया ने दिव्यांग सशक्तिकरण खेलो यात्रा 14 अप्रैल 2023 को कन्याकुमारी से तिरंगे के साथ निकाली थी। यह यात्रा देश के विभिन्न राज्यों से गुजरती हुई उन्नीसवे दिन में 4320 किमी का सफर तय कर 03 मई 2023 को कश्मीर के ऐतिहासिक प्रसिद्ध लाल चौक पहुँची थी।

अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर सतेन्द्र लोहिया ने बताया कि व्यक्ति के रूप में मैंने एक दिव्यांग पैरा एथलीट होने की चुनौतियों से लड़कर जीत का प्रत्यक्ष अनुभव किया है। अपने जैसे दूसरे दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए हदय से प्रतिबद्ध हूं। इसी जुनून के साथ फिर से यात्रा शुरू की है। जिसमें आप सभी से के प्रोत्साहन और सहयोग की जरूरत है।

सतेन्द्र का कहना है कि अपने देश व मध्यप्रदेश का नाम आगे बढाने और दिव्यांग व्यक्तियों को सभ्य समाज की मुख्यधारा में जोडने के लिए कुछ विशेष कार्य करना चाहता हूँ। इसलिए प्रार्थी भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर धार्मिक नगरी पुरी से पोरबंदर तक दिव्यांग सशक्तिकरण एवं संविधान गौरव यात्रा 2024 शुभारम्भ करने का संकल्प लिया है। इस यात्रा को अपनी दिव्यांग बुलट से करूंगा।

उन्होंने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य हमारे संविधान की महिमा को बढ़ाना और संविधान में दिये गये संवैधानिक मौलिक कर्तव्य व अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना है। इसके पीछे यह भी भाव है कि आम आदमी के लिए संविधान में निहित समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व के महत्व से हर कोई परिचित हो। इसके साथ भारत वर्ष के हर क्षेत्र के युवाओ व विशेषकर दिव्यांगजनो को पैरा खेलो से जोडना और अपने समता व सम्मान के प्रति जागरूप रहने कि जानकारी उपलब्ध कराना है।

यह यात्रा संविधान दिवस 26 नवंबर 2024 को उड़ीसा के पुरी से शुरू होगी और 3 दिसंबर 2024 को पोरबंदर गुजरात में यात्रा का समापन होगा। सतेन्द्र लोहिया कहते हैं कि यात्रा के दौरान, हम लोगों के साथ मिलकर उनके अधिकारों और संविधान का उनके जीवन पर पड़ने वाले गहन प्रभाव के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देंगे। विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

सतेन्द्र का कहना है कि यह देश की पहली ऐसी सबसे बडी ऐतिहासिक यात्रा होगी जो एक पदमश्री दिव्यांग खिलाडी द्वारा की जायेगी। हमारा मानना है कि यह पहल लाखों लोगों को प्रेरित करेगी और एक शक्तिशाली पहल के रूप में काम करेगी। चूँकि यह राष्ट्रव्यापी यात्रा होने जा रही है। यह पहल लाखों लोगों को प्रेरित करेगी। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि इस खबर को प्रकाशित व प्रसारित कर अपना अमूल्य सहयोग दें, जो हमारे साथ हम जैसे तमाम दिव्यांगों के जीवन में बडा बदलाव लायेगी, ऐसा हमें भरोसा है। हमारा प्रयास है कि यह यात्रा भारत वर्ष के दिव्यांगजनों के साथ सभी व्यक्तियों के जीवन के लिए प्रेरणास्त्रोत बने।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्वारा ग्वालियर निवासी अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग तैराक खिलाड़ी सतेन्द्र लोहिया को देश के सर्वोच्च चतुर्थ सम्मान पद्मश्री पुरस्कार 2024 से सम्मनित किया गया है। तैराकी के खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए वर्ष 2014 में मध्य प्रदेश शासन के उच्चतम खेल पुरस्कार (विकम अवार्ड) एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2019 को उपराष्ट्रपति ने सम्मानित किया गया था। वर्ष 2020 में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ने उन्हें देश का प्रतिष्ठित तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2019 से भी सम्मानित किया था। दिव्यांग खिलाडी लोहिया ने अपने प्रदेश व देश के लिए अभी तक 29 राष्ट्रीय व 04 अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल किये हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

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