भजनलाल सरकार ने उप प्रधानाचार्य पद को 'डाइंग कैडर' घोषित कर खाली पदों को भरा
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- Jan 18, 2025
जयपुर, 18 जनवरी (हि.स.)। भाजपा सरकार ने हाल ही में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा स्कूलों में उप प्रधानाचार्य (वाइस प्रिंसिपल) के पद सृजन के फैसले पर पुनर्विचार करते हुए इसे 'डाइंग कैडर' घोषित कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के 5,012 उप प्रधानाचार्यों को प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नत किया गया है। इस निर्णय से यह संभावना जताई जा रही है कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों में उप प्रधानाचार्य का पद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
शिक्षा विभाग ने 2023-24 शैक्षणिक सत्र के लिए उप प्रधानाचार्यों को प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति देने का निर्णय किया है। इस प्रक्रिया के तहत 5,012 उप प्रधानाचार्यों को प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत किया गया है, जिसमें सामान्य श्रेणी (अनारक्षित) के 3,746, अनुसूचित जाति (एससी) के 680, अनुसूचित जनजाति (एसटीा) के 586 और विकलांग श्रेणी के 90 उप प्रधानाचार्य शामिल हैं।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस फैसले को राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था में नेतृत्व को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने नवपदोन्नत प्रधानाचार्यों को बधाई दी और उन्हें राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने की प्रेरणा दी। उन्हाेंने एक्स पर लिखा कि आज राजस्थान लोक सेवा आयोग के मुख्यालय में आयोजित विशेष बैठक में शैक्षणिक प्रशासनिक पदोन्नति प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया।
विद्यालयी शिक्षा के उन्नयन के लिए राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत कुल 5,012 उप प्रधानाचार्यों को इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के अंतर्गत प्रधानाचार्य के प्रतिष्ठित पद पर पदोन्नत किया गया है। ये पदोन्नतियाँ राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था में नेतृत्व को सशक्त, सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाने की दिशा में एक युगांतरकारी कदम सिद्ध होंगी।
हमारी सरकार का दृढ़ संकल्प है कि शैक्षणिक गुणवत्ता का स्तर निरंतर उन्नत हो, विद्यार्थियों को समयानुकूल शिक्षा प्राप्त हो, एवं राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था राष्ट्रीय स्तर पर आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित हो।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पदों का सृजन किया था। अब भाजपा सरकार ने इस फैसले को पलटते हुए उप प्रधानाचार्यों को प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नत किया है। राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल 17,785 प्रधानाचार्य पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 7,489 पद खाली थे और 10,296 पद भरे हुए थे। अब 5,012 उप प्रधानाचार्यों को पदोन्नति देने से खाली पदों की संख्या काफी घट गई है। इसके अलावा संस्कृत शिक्षा में उप निदेशक, संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी, प्रधानाचार्य वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालय, प्रधानाध्यापक प्रवेशिका विद्यालय, प्राध्यापक (विभिन्न विषय) और वरिष्ठ अध्यापक (विभिन्न विषय) के 992 पदों पर पदोन्नति की गई है। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने इस संबंध में डीपीसी जारी की है, जिसके तहत 992 पदों पर पदोन्नति की गई है।
बीते साल दिसंबर में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में उप प्रधानाचार्य पद को 'डाइंग कैडर' घोषित करने पर चर्चा हुई थी। अधिकारियों का मानना था कि इस पद की अब आवश्यकता नहीं रही, जिससे व्याख्याताओं की कमी हो रही थी और विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। शिक्षा मंत्री ने भी इसे अनावश्यक पद मानते हुए कहा था कि इसे समाप्त करने से व्याख्याताओं को सीधे प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति का लाभ मिलेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित