चित्तौड़ में रेस्क्यू किया दुर्लभ प्रजाति का 'रेड सेंड बोआ', सांप का अजीबो गरीब सफेद रंग देख चौंके ग्रामीण
- Admin Admin
- Feb 21, 2025
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चित्तौड़गढ़, 21 फ़रवरी (हि.स.)। जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित नगरी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर वन विभाग की टीम ने दुर्लभ अलबीनो रेड सैंड बोआ सांप को रेस्क्यू किया है। यह सांप एक खेत पर दिखाई दिया था। इसका अजीबो गरीब सफेद रंग देख कर ग्रामीण चौंक गए थे। बाद में वन विभाग की सूचना पर वन्य जीव प्रेमी मौके पर पहुंचे। इसे सुरक्षित रेस्क्यू किया गया और वन विभाग को सौंपा है। यह सांप वैसे ही दुर्लभ है तथा इसका सफेद रंग इसे और अधिक दुर्लभ बनाता है। लाखों में एक दुर्लभ अलबीनो रेड सैंड बोआ सांप होता है।
जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत नगरी में एक सफेद रंग का अजीबो गरीब सांप दिखाई दिया। सांप देखते ही एक खेत पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। सरपंच देव किशन रेगर ने वन विभाग को सूचना दी गई। इस पर उप वन संरक्षक राहुल झांझरिया के निर्देश पर वन्य जीव प्रेमियों की टीम मौके पर पहुंची। मौके दुर्लभ प्रजाति का लगभग साढ़े तीन फीट लंबा अलबीनो रेड सैंड बोआ सांप था, जिसे स्थानीय भाषा में धंबोई कहते है। यह सांप झाड़ियों में दिखाई दिया। वन्य जीव प्रेमी और बीआरकेजीबी के कर्मचारी पीयूष कांबले द्वारा उक्त सांप का सुरक्षित ढंग से रेस्क्यू किया गया। वन्य जीव प्रेमी मनीष तिवारी ने बताया कि यह सांप अमूमन कत्थई कलर का होता है। अलबीनो सांपों में एक बीमारी होती है जो कि जेनेटिक म्यूटेशन के कारण सांपों की त्वचा के स्केल पर पिगमेंटेशन नहीं होने से सांप रंगहीन (सफेद) रह जाता है एवं उसका प्राकृतिक रंग विकसित नहीं हो पाता है यह इन सांप में बहुत ही दुर्लभ है। इस तरह की बीमारी लाखों में एक सांप में होती है, जो इसे और आकर्षक बनाती है। पीयूष द्वारा वहां एकत्रित ग्रामवासियों को सांपों की हमारे पर्यावरण के लिए महत्ता के बारे में विस्तार से समझाया गया और सांपों को ना मारने की हिदायद दी गई। इसका कारण यह है कि यह वन्य जीव संरक्षण अधिनयम 1972 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।रेस्क्यू के दौरान ग्रामदानी अध्यक्ष नाहर सिंह सोलंकी, पूर्व सरपंच नारायण गुर्जर, पंचायत शिक्षक राजेश रेगर , मोहन कीर, बाबू मंसूरी, गोवर्धन गुर्जर आदि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल