जौनपुर ,05 सितंबर (हि.स.)। दीवानी न्यायालय में आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के केस श्रीभगवान श्री अटाला माता अटाला देवी आदि बनाम उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड आदि के केस संख्या-72/2024 में पोषणीयता पर आदेश शनिवार को फिर टल गया।इस मामले में बात करते वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने हिंदुस्थान समाचार प्रतिनिधि से दूरभाष पर बात करते हुए बताया कि उन्होंने व उनकी अधिवक्ता टीम एडवोकेट अनिल कुमार सिंह, विनीत त्रिपाठी, सूर्या परमार व वरिष्ठ अधिवक्ता बी डी मिश्रा ने 22 मई को क्षेत्राधिकार व पोषणीयता पर बहस पूरी कर दी थी व पत्रावली में लिखित बहस दाखिल कर दी थी थी जिस पर पोषणीयता पर आदेश लगातार लंबित चल रहा है। वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि पोषणीयता पर आदेश 28 मई, 11 जुलाई, 12 जुलाई, 20 अगस्त, 2 सितम्बर, 27 सितम्बर व 5 अक्टूबर से लगातार लंबित है। वादी पक्ष ने 4 सितंबर को विशेष प्रार्थना पत्र देकर न्यायालय से प्रार्थना की थी उनकी बहस पूरी हो चुकी है व उन्हें अब किसी भी प्रकार कोई बहस नहीं करनी है। कृपया आदेश देने की कृपा करें,लेकिन न्यायालय न तो केस को एडमिट कर रहा है, न ही खारिज कर रहा है और न ही विपक्षीगण को नोटिस जारी कर रहा है। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि न्यायालय का यह रवैया नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है और वादी पक्ष को हताश करने वाला है। श्री सिंह ने बताया कि वह अब न्याय के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। अटाला माता मंदिर केस सिविल जज (सी०डि०) अनुज जौहर के न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालय ने आदेश की अगली तिथि 10 अक्टूबर नियत की है। आज सुनवाई में आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के प्रदेश सचिव अनिमेष सिंह, अमर प्रताप गौतम, वरिष्ठ अधिवक्ता बी डी मिश्र, अधिवक्ता विनीत त्रिपाठी, अधिवक्ता सूर्या परमार उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव