कमजोर समूहों की पहचान करें, टीबी का शीघ्र पता लगाने के लिए नियमित परीक्षण करें-सकीना इत्तू
- Admin Admin
- Jan 30, 2025
जम्मू 30 जनवरी (हि.स.)। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, समाज कल्याण और शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू ने उपायुक्तों से अपने संबंधित जिलों में कमजोर समूहों की पहचान करने और टीबी का शीघ्र पता लगाने के लिए इन स्थानों पर नियमित परीक्षण करने को कहा।
मंत्री ने पूरे जम्मू-कश्मीर में 100-दिवसीय क्षय रोग उन्मूलन अभियान के कार्यान्वयन पर प्रगति की समीक्षा हेतु आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये निर्देश दिए।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. सैयद आबिद रशीद शाह, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सभी जिलों के उपायुक्त, निदेशक वित्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएँ जम्मू, कश्मीर, निदेशक समन्वय नये मेडिकल कॉलेज, सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, सभी जिलों के सीएमओ और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए।
बैठक के दौरान मंत्री ने संबंधित उपायुक्तों और संबंधित सीएमओ को विशेष रूप से गोल्ड जोन जिलों में परीक्षण और शीघ्र पता लगाने की गतिविधियों को तेज करने के लिए कहा ताकि वे भी टीबी मुक्त जिलों का दर्जा हासिल कर सकें।
उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला प्रशासकों को स्क्रीनिंग की आवृत्ति बढ़ाने, आक्रामक जनपहंुच कार्यक्रम आयोजित करने और बीमारी के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए पीआरआई को शामिल कर सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने का भी निर्देश दिया। मंत्री ने सभी जिलों में कमजोर समूहों की पहचान करने का भी आह्वान किया, चाहे वे टीबी मुक्त हों या नहीं। उन्होंने टीबी मुक्त घोषित जिलों में नियमित जांच का भी आह्वान किया ताकि वहां टीबी दोबारा न फैले। उन्होंने कहा कि पुनरावृŸिा को रोकने और उन्मूलन प्रयासों की दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर परीक्षण और सक्रिय निगरानी आवश्यक है।
मंत्री ने अधिकारियों विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं के दोनों निदेशकों से सतर्क रहने, नियमित जांच करने और किसी भी अज्ञात मामले का शीघ्र पता लगाने के लिए जोखिम वाली आबादी के साथ जुड़ने का आग्रह किया।
100 दिनों के टीबी उन्मूलन अभियान के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करते हुए सकीना इत्तू ने टीबी परीक्षण के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में घर-घर स्क्रीनिंग के लिए मोबाइल परीक्षण वैन तैनात करने का आह्वान किया। सकीना ने कहा जमीनी स्तर पर डायग्नोस्टिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करें क्योंकि यह एक स्वस्थ समाज को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
उन्होंने टीबी की रोकथाम रणनीतियों में भागीदारी को मजबूत करने के लिए जिला टीबी अधिकारियों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्थानीय स्वास्थ्य इकाइयों, स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और मोहल्ला समितियों के बीच समन्वय बढ़ाने का आह्वान किया।
मंत्री ने लोगों को लक्षणों और निवारक उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से व्यापक जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने का भी आह्वान किया।
बैठक के दौरान एमडी एनएचएम ने पूरे जम्मू-कश्मीर में 100 दिनों के टीबी उन्मूलन अभियान के कार्यान्वयन की प्रगति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि यह अभियान देश भर में टीबी का पता लगाने, उपचार और उन्मूलन के प्रयासों में तेजी लाकर 2025 तक टीबी मुक्त भारत प्राप्त करने के केंद्र सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
मंत्री ने पूरे जम्मू-कश्मीर में नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ लड़ाई के संबंध में संबंधित जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए जा रहे उपायों का भी आकलन किया। उन्होंने उपायुक्तों से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय में अधिकतम रोकथाम का आह्वान किया ताकि समाज को इस खतरे से छुटकारा मिल सके, जो हमारे युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रहा है।
मंत्री ने सभी उपायुक्तों को नशा मुक्ति केंद्रों में अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न पाठ्यक्रमों में कौशल और स्वरोजगार प्रशिक्षण देकर नशीली दवाओं के दुरुपयोग पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कहा ताकि पुनर्वास के बाद उन्हें रोजगार के अवसर मिल सकें। उन्होंने उनसे अपने-अपने जिले में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए भी कहा ताकि इस खतरे से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी