पटना, 15 अक्टूबर (हि.स.)। बिहार में 16 अक्टूबर से 236 घाटों से बालू खनन और बिक्री शुरू होगी। इसको लेकर खान एवं भूतत्व विभाग ने तैयारी लगभग पूरी कर ली है।
राज्य में कुल 891 बालू घाट हैं। इनमें 488 लाल और 403 सफेद बालू के घाट हैं। इसमें 236 घाटों से खनन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है जबकि अन्य घाटो की बंदोबस्ती सहित पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। इसे पूरा होते ही इन घाटों पर भी खनन का काम शुरू कर दिया जाएगा। राज्य सरकार का मकसद अधिक से अधिक घाटों से बालू का खनन शुरू करना है। इससे आम लोगों को निर्माण कार्य के लिए कम समय में उचित कीमत पर बालू उपलब्ध हो सकेगा। इसके साथ राज्य सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
दूसरी ओर, बालू और गिट्टी ढोने वाले वाहनों के चारों तरफ लाल रंग की 20 इंच चौड़ी पट्टी पेंट करना होगा। उस पर सफेद रंग से छह इंच चौड़े फांट साइज के शब्दों में खनन वाहन निबंधन संख्या और निबंधन साफ्ट की निबंधन संख्या लिखनी होगी। इससे खनिज लदे वाहनों को दूर से ही पहचाना जा सकेगा और अवैध तरीके से खनन सामग्री ढोने वाले वाहनों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। ऐसे में बालू कारोबारियों की फिर से चांदी होने वाली है।
चार महीने के बाद यह खनन फिर से शुरू हो रहा है। इससे बालू की कीमतें नियंत्रित होंगी और लोगों को आसानी से बालू मिलेगा। खनन विभाग ने ठेकेदारों को ड्रोन सर्वे रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि फिलहाल एनजीटी के निर्दश पर 15 जून से 15 अक्टूबर तक बालू खनन बंद है। इससे पहले राज्य में करीब 152 घाटों से बालू खनन हो रहा था। ऐसे में 16 से बालू खनन शुरू होने पर करीब 55 फीसदी घाटों की संख्या मे बढ़ोतरी हो जायेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी