बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों को लेकर उदासीन हैं दुनिया भर के शांतिप्रिय संगठन : इस्कॉन 

कोलकाता, 2 दिसंबर (हि.स.) ।

अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) की कोलकाता इकाई ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों और अत्याचारों पर अंतरराष्ट्रीय शांति संगठनों की उदासीनता पर सवाल उठाए है।

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने रविवार शाम अपने एक बयान में कहा है कि बांग्लादेश के हिंदुओं की स्थिति महाभारत की द्रौपदी जैसी हो गई है। उन्होंने कहा, द्रौपदी की तरह बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है।

उन्होंने बताया कि इस्कॉन के विश्वभर के 850 मंदिरों में श्रद्धालु प्रार्थना कर रहे हैं। यह प्रार्थना बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए की जा रही है।

इस्कॉन कोलकाता के एक अन्य श्रद्धालु प्रीतम साहा ने भारत सरकार से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर दबाव डालने की अपील की। उन्होंने कहा, बांग्लादेश की सरकार कट्टरपंथी ताकतों के नियंत्रण में आ चुकी है। कट्टरपंथियों को खुली छूट दी गई है। वे जो चाहें कर रहे हैं और उन्हें कोई रोकने वाला नहीं है।

साहा ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदू साधुओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही। यहां तक कि भारतीय तिरंगे का भी अपमान किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस पर कड़ा बयान जारी करने की अपील की।

शनिवार रात इस्कॉन के एक और साधु श्याम दास को बांग्लादेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राधारमण दास ने बताया कि श्याम दास, चिन्मय प्रभु से मिलने गए थे। चिन्मय प्रभु, जो बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोट के प्रवक्ता हैं, को इस हफ्ते की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था।

इस्कॉन ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश पुलिस कट्टरपंथियों को रोकने के बजाय हिंदू साधुओं पर कार्रवाई कर रही है। श्रद्धालुओं ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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