
डाक्टरों ने अस्पताल से किया था पीजीआई रैफरसड़क पर ग्लोकोज की बोतल लेकर जाते महिला की वीडियो हुआ वायरल
रोहतक, 15 अप्रैल (हि.स.)। रोहतक सिविल अस्पताल में शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है जहां एक गर्भवती महिला की एंबुलेंस करीब आधा घंटे तक अस्पताल परिसर में ही फंसी रही। महिला की एंबुलेंस के आगे पुलिस की गाड़ी व एक एंबुलेंस बीच रास्ते खड़ी थी। महिला की हालत गंभीर होने के कारण उसे अस्पताल से पीजीआई रैफर किया गया था। महिला हाथ में ग्लूकोज की बोतल उठा करीबन सौ मीटर तक पैदल अस्पताल परिसर से बाहर आई और ऑटो में बैठकर पीजीआई में पहुंची। इस बड़ी लापरवाही की वीडियो सामने आई है ।
मंगलवार दोपहर को झज्जर की रहने वाली गर्भवती महिला को सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने पीजीआई में रैफर किया था।अस्पताल परिसर में ही एंबुलेंस को बाहर निकालने का रास्ता तक नहीं मिला। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। झज्जर जिले के एक गांव की रहने वाले महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन यहां डॉक्टरों ने महिला को पीजीआई के लिए रैफर कर दिया।
परिजन जब गर्भवती महिला को एंबुलेंस के जरिए पीजीआई ले जाने लगे, लेकिन सिविल अस्पताल परिसर में ही बीच रास्ते में एक पुलिस की गाड़ी व एक अन्य एम्बुलेंस लापरवाही से खड़ी कर दी गई। जिसके चलते गर्भवती महिला की एंबुलेंस करीब आधा घंटे तक वहीं फंसी रही ओर बाद में महिला को पीड़ा हुई तो महिला हाथ में लगी ग्लूकोज के साथ अस्पताल परिसर से बाहर पैदल ही गए और बाहर से ऑटो लेकर पीजीआई में पहुंचे।
एंबुलेंस के ड्राइवर अमित शर्मा ने बताया की करीब आधा घंटे तक एंबुलेंस फंसी रही , आगे रास्ता नहीं मिलने के कारण मरीज को उतरना पड़ा। रास्ते में कई गाड़ियां खड़ी हुई थी , जिसके चलते हमारी एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला और इस दौरान पेशेंट को कुछ भी हो सकता था। जिसके बाद सिविल हस्पताल के गार्ड के माध्यम से डॉक्टर को इसके बारे में सूचित भी किया गया लेकिन , किसी ने कोई सुध नहीं ली, वहीं गर्भवती महिला के पति कुलदीप ने बताया कि वह आज ही झज्जर जिले के गांव से आए हैं उसकी पत्नी को बच्चा होना था, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया।
बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करने वाले डॉक्टर इस मामले में अब कुछ भी बोलने से बचते हुए नजर आ रहे हैं , लेकिन तस्वीर साफ-साफ कह रही हैं कि यह बड़ी लापरवाही गर्भवती महिला व उसके होने वाले बच्चों पर भारी पड़ सकती थी। वहीं गर्भवती महिला ने हिम्मत दिखाई और हाथ में ग्लूकोज की बोतल को साथ लेकर 100 मीटर तक पैदल चली और बाहर ऑटो में बैठकर चली गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल