लोगों का आकर्षण केंद्र बना अश्वत्था ट्री बुक्स स्टाल

लखनऊ, 09 नवम्बर (हि.स.)। ऐतिहासिक गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। अश्वत्था ट्री की पुस्तकें महोत्सव के स्टॉल नंबर 38 पर उपलब्ध हैं, जो बच्चों और युवाओं के लिए नए और लीक से हटकर विषयों पर पुस्तकों का प्रकाशन कर रही हैं।

अश्वत्था ट्री बुक स्टाल का सबसे शानदार आकर्षण है। हनुमान चालीसा एकदम स्टॉल के गेट पर ही आदमकद तस्वीर टंगी है, जिसमें हनुमान जी अपने पंचमुखी स्वरूप में विराजमान हैं। सबसे खास बात कि यह तस्वीर इतना मनभावन है कि इसके आगे सारे हॉलीवुड के सारे हीरो फेल हैं, वैसे भी हनुमान जी तो हीरो के भी सुपरहीरो हैं। इसीलिए बच्चों को हमारे असली हीरो हनुमान के गुणों को समझना और अपनाना कहीं ज्यादा जरूरी है। रामायण में हनुमान का किरदार हमें जीवन के वो पाठ सिखाता है, जो हमें सही मार्ग दिखाते हैं और हर परिस्थिति में मजबूत बने रहने की प्रेरणा देते हैं। रामायण में कई ऐसे प्रसंग हैं जो बताते हैं कि हर परिस्थिति में खुद को ढालना ही असली समाधान है।

यह पुस्तक सिर्फ बच्चों में ही नहीं, बल्कि वयस्कों, बुजुर्गों, महिलाओं, सभी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है और लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है।

बच्चों को हनुमान की इन शिक्षाओं से जोड़ने के लिए आप उन्हें अश्वत्था ट्री पब्लिकेशन की हनुमान चालीसा जैसी किताब दे सकते हैं। यह बच्चों के लिए एक सुंदर कॉफी टेबल बुक है, जो चित्रों के माध्यम से हनुमान चालीसा को सरलता से समझाती है। इस तरह की किताबें बच्चों को हमारी संस्कृति से जोड़ती हैं और हनुमान जी के गुणों को उनकी जिंदगी में उतारने की प्रेरणा देती हैं।

अश्वत्था ट्री ने भारतीय संतों के जीवन, उनके विचार और उनकी शिक्षाओं को बच्चों के लिए सरल, चित्रित और आकर्षक अंदाज में प्रस्तुत किया है। उनकी 'संत शृंखला' में महान संतों के प्रेरक जीवन की कहानियां शामिल हैं। इनमें मार्कण्डेय मुनि को बच्चे बहुत पसंद कर रहे हैं। इस पुस्तक में मार्कण्डेय मुनि की तपस्या और दीर्घायु होंने की कहानियों के बारे में बताया गया है। इस श्रृंखला की दूसरी किताब है पिंगलवाड़ा के भगत पूरन सिंह, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की सेवा में बिताई। इस श्रृंखला की एक अन्य पुस्तक है कश्मीर की लल देद, जिनके भक्ति और ज्ञान का संदेश आज भी हमारे दिलों में गूंजता है। ये कहानियां बच्चों को न केवल प्रेरित करती हैं, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति और महान संतों की शिक्षाओं से जोड़ती हैं।

इसके साथ ही, अश्वत्था ट्री ने एक अनोखी 'हीरो शृंखला' भी बनाई है, जिसमें ऐसे नायकों की कहानियां हैं, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। इस शृंखला में गामा पहलवान जैसे ताकतवर और आत्मविश्वासी योद्धा की प्रेरणादायक कहानी शामिल है, जिन्होंने मेहनत और हिम्मत की मिसाल कायम की। नचिकेता इस श्रृंखला की अक अन्य पुस्तक है।इस पुस्तक में बताया गया है कि कैसे नचिकेता ने अपने कठिन प्रश्नों के उत्तर खोजे और आत्मा के रहस्यों को समझा। एक और बहुचर्चित पुस्तक है, जिसे बच्चे काफी पसंद कर रहे हैं और वो पुस्तक है रॉक गार्डन के निर्माता नेकचंद सैनी को लेकर, जिनके कल्पनाशील और अद्भुत शिल्पकला ने भारत को गर्व से भर दिया। अब रॉक गार्डन कहां है और क्या है इसकी खासियत, कितनी तकलीफों, चुनौतियों के बाद नेकचंद ने रॉक गार्डन को बनाकर कर ही माना, इन सब बातों को आप जानेंगे इस पुस्तक को पढ़ने के बाद, जो कभी हारना नहीं सिखाता। इन नायकों की कहानियां बच्चों में आत्मनिर्भरता, साहस और कुछ नया करने की भावना जगाने का काम करती हैं।

अश्वत्था ट्री ने बच्चों और युवाओं के चरित्र निर्माण के उद्देश्य से विशेष शृंखला बॉक्स भी तैयार किए हैं, जिनमें पर्यावरण, महिला पथप्रदर्शक, भक्ति संतों की शिक्षा और भक्ति की भावना पर आधारित पुस्तकें शामिल हैं। इन संग्रहों का उद्देश्य बच्चों में नैतिक मूल्यों और सामाजिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है। ये पुस्तकें न केवल उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाती हैं, बल्कि समाज में महिलाओं की उपलब्धियों और योगदानों के प्रति सम्मान की भावना भी विकसित करती हैं।

सही मायने में देखें तो गोमती पुस्तक मेला में अश्वत्था ट्री की अनोखी पुस्तक शृंखलाएं पुस्तकों के माध्यम से हमारी सांस्कृतिक धरोहर और महान चरित्रों से जुड़ने का अवसर देता है। यह न केवल भक्ति का संदेश देता है, बल्कि बच्चों को हमारे पौराणिक ग्रंथों और संस्कृति के प्रति आदर और जुड़ाव का अहसास कराता है। अश्वत्था ट्री बुक्स से संबंधित और भी जानकारी चाहिए या फिर अगर आप चाहते हैं इन पुस्तकों को खरीदना तो इस वेबसाइट पर डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू अश्वत्था ट्री बूक डॉट कॉम विजिट करें। गोमती पुस्तक महोत्सव 17 नवंबर तक चलेगा। यह पूरी तरह से टिकट फ्री है। इसमें एक हजार से अधिक स्टॉल लगे हैं। 200 से अधिक पब्लिशर शामिल हो रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक

   

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