राज्य सरकार गौमाता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संकल्पित-मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

जयपुर, 10 मार्च(हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के साथ ही गौमाता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संकल्पित होकर काम कर रहे है। हाल में पेश किए गए राज्य बजट में गौमाता और पशुपालकों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। प्रदेशभर में संचालित गौशालाओं तथा नंदीशालाओं के लिए प्रति पशु अनुदान राशि को इस वर्ष 15 प्रतिशत बढ़ाकर 50 रुपये प्रतिदिन करने का फैसला किया गया है।

मुख्यमंत्री सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर गौशालाओं की अनुदान राशि बढ़ाने पर आयोजित आभार सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने पिछले साल गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना प्रारंभ की थी, जिसमें गौवंश के लिए शेड, खेली निर्माण तथा दुग्ध, चारा, बांटा संबंधी उपकरण खरीदने के लिए एक लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। अब हम आगामी वित्त वर्ष में भी ढाई लाख गोपालक परिवारों को इस योजना का लाभ मुहैया कराएंगे। शर्मा ने कहा कि गोपालकों को और अधिक राहत देते हुए गोपाल क्रेडिट कार्ड के लिए जरूरी सभी दस्तावेजों पर स्टांप ड्यूटी माफ करने और योजना के प्रावधानों को सरल बनाने का भी बजट में प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास भी हो रहा है और देश की विरासत भी समृद्ध होती जा रही है। वे देश-दुनिया के करोड़ों लोगों के महानायक हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, दृढ़ निश्चय, योजनाबद्ध कार्य और दूरदृष्टि से देश और दुनिया को एक नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान का प्रवासी देश-दुनिया में अपनी मिट्टी से जुड़ा हुआ है तथा प्रवासियों ने हर जगह गौशालाएं बनायी है जिससे गौसेवा के पुण्य कार्यों को बढ़ावा दिया जा सके।

शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन गौ-संरक्षण के लिए दूरदर्शी सोच के साथ काम कर रही है। इसी क्रम में प्रदेश के पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना’ के दायरे को बढ़ाते हुए आगामी वित्त वर्ष में प्रत्येक श्रेणी में बीमित पशुओं की संख्या दोगुनी की जाएगी। उन्होंने कहा कि पशुधन निशुल्क आरोग्य योजना के तहत औषधियों एवं टीकों की संख्या में वृद्धि, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत दुग्ध संग्रहण के लक्ष्य को बढ़ाना, सर्दियों में गौशालाओं को आवश्यकता अनुसार अनुदान के स्थान पर बाजरा का विकल्प, एक हजार नवीन सहकारी समितियों अथवा संग्रह केंद्रों की स्थापना, 100 पशु चिकित्सा अधिकारियों एवं एक हजार पशुधन निरीक्षकों की भ़र्ती सहित विभिन्न कार्य गौसेवा के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में गाय की महिमा अपरंपार है। हमारे शास्त्रों में गंगा, गोमती, गीता और गोविंद की भांति गाय भी अत्यंत पवित्र मानी गई है और गौ-माता की सेवा से सभी देवी-देवताओं के पूजन का फल मिल जाता है। उन्होंने कहा कि संत-महन्त हमारी संस्कृति के वाहक है तथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने में इनका बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि समाज का दायित्व है कि गौमाता के सम्मान और संरक्षण के लिए अपनी भूमिका निभाएं तथा एक जन-जागरण अभियान चलाकर आमजन को प्रतिदिन गायों की सेवा करने के लिए प्रेरित करें।

इस दौरान आए संतों ने मुख्यमंत्री द्वारा गौ-संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यो के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री ने गौसेवा का एक नया अध्याय शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा पिछले दोनों बजटों में गौसेवा के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए है। गत सरकार में गौ भक्तों को गौ-संरक्षण के लिए आंदोलन करना पड़ता था, लेकिन इस सरकार में हमारे लिए आशीर्वाद कार्यक्रम हो रहे है। यह सब मुख्यमंत्री की गौ-परायण सरकार के कारण ही संभव हो पाया है।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने गौ-पूजा की तथा पाण्डाल में आए संत-महन्तों से आशीर्वाद लिया। संतों ने मुख्यमंत्री को दुपट्टा ओढ़ाकर बजट में गौसेवा के लिए की गई घोषणाओं पर आभार प्रकट किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उल्लासपूर्वक फाल्गुन के महिने में सभी के साथ फूलों की होली खेली, चंग बजाकर होली के गीत गाएं तथा सभी को होली की बधाइयां दी।

इस अवसर पर राजस्थान गौसेवा समिति के अध्यक्ष महन्त दिनेश गिरी महाराज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुनाथ भारती महाराज, प्रदेश महामंत्री रघुनाथसिंह राजपुरोहित, श्रीपतिधाम सिरोही से गोविन्द वल्लभ सहित बड़ी संख्या में गौ-भक्त उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

   

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