
अल्मोड़ा, 11 जुलाई (हि.स.)। हवालबाग ब्लॉक के कनालबुंगा गांव के तेक सिमनौला निकासी पार्वती बिष्ट ने मशरूम उद्योग शुरू कर स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया। इसके साथ हो उन्होंने आठ महिलाओं को रोजगार भी दिया है।
पार्वती बिष्ट के अनुसार वे पूर्व में एक निजी स्कूल में आठ साल तक शिक्षिका पद कार्यरत रहीं। इसके बाद उन्होंने खेती के क्षेत्र में कदम रखने का निर्णय लिया और साल 2018 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 10 दिनी मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया।उन्होंने 100 मशरूम बैग से उत्पादन को शुरुआत की, जिसमें पहली बार में ही करीब 500 किलो मशरूम की पैदावार हुईं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से 20,000 रुपये का ऋण लेकर व्यवसाय की नींव रखी, हालांकि कृषि विभाग से बीज पर सब्सिडी दी।
उन्होंने बताया कि वह ढींगरी और बटन मशरूम को खेती करती हैं, जिसमें बटन मशरूम की मांग सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि सालाना 3 लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है। पार्वती ने अपने निजी खर्चे से मशरूम उत्पादन के लिए एक छोटा प्लांट भी स्थापित किया है। अब वे 8 से 10 स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं।
जिले भर में हो रही सप्लाई और होम डिलीवरी
पार्वती बिष्ट ने बताया कि उनको मशरूम की सप्लाई अल्मोड़ा जिले के विभिन्न दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में की जा रही है। पहली ही फसल के बाद बाजार से अच्छी मांग आने लगी थी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी मशरूम की मांग बढ़ रही है,जिसे देखते हुए भविष्य में होम डिलीवरी शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि बाजार में जहां मशरूम की कीमत 400 रुपये प्रति किलो तक है, वहीं वे इसे 250 से 300 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रही हैं, जिससे आम उपभोक्ता को भी राहत मिल रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / DEEPESH TIWARI