शिक्षक भर्ती में शून्यपद बढ़ाने के संकेत, नए अभ्यर्थियों का विरोध तेज

कोलकाता, 17 नवंबर (हि. स.)। राज्य में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया समाप्त होने के बाद रिक्त पदों (शून्यपद) को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। सोमवार को विकास भवन में राज्य के शिक्षामंत्री ब्रात्य बसु ने ऐसे ही संकेत दिए। उन्होंने कहा कि संपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही इस विषय पर कानूनी पहल की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनके बीच रिक्त पद बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन अंतिम निर्णय मंत्रालय की सामूहिक समीक्षा के बाद ही लिया जाएगा।

इधर, एसएलएसटी-दो में भी रिक्त पद बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। उच्च माध्यमिक (कक्षा 11-12) के परिणाम जारी होने के बाद जब इंटरव्यू पैनल प्रकाशित हुआ, तभी से नए नौकरी चाहने वाले अभ्यर्थियों में असंतोष देखा गया है। उनका कहना है कि इस बार पहली बार परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी अनुभव अंक (10 नंबर) से वंचित हैं, जबकि 2016 के योग्य अभ्यर्थियों को यह अतिरिक्त अंक मिला है। नए अभ्यर्थियों का आरोप है कि लिखित परीक्षा और शैक्षणिक योग्यता में उच्च अंक लाने के बावजूद उन्हें इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया।

सोमवार को इसी मांग को लेकर नए अभ्यर्थियों ने विकास भवन तक अभियान चलाया और अनुभव अंक दिए जाने का विरोध किया। उनका कहना है कि अतिरिक्त 10 अंक मिलने से वे प्रतियोगिता में पीछे रह गए हैं। इसलिए रिक्त पदों को बढ़ाया जाए ताकि वे भी अवसर पा सकें।

इस बीच शिक्षामंत्री ब्रात्य बसु ने फिर स्पष्ट किया है कि रिक्त पद बढ़ाने का मामला कानूनी प्रक्रिया के अधीन है। उन्होंने कहा कि 'योग्य' अभ्यर्थियों के हित को ध्यान में रखकर ही यह निर्णय लिया जाएगा ताकि 2016 एसएससी के किसी योग्य अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो।

नए अभ्यर्थियों के आंदोलन पर शिक्षामंत्री ने कहा कि एसएससी की ओर से उन्हें इस संबंध में अभी तक कोई रिपोर्ट या प्रतिनिधि ज्ञापन प्राप्त नहीं हुआ है। जब तक एसएससी से औपचारिक बातचीत नहीं होती, तब तक इस मामले पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

   

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