बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और संत चिन्मय रिहाई को ले हजारों लोग सड़कों पर

धरना पर बैठे लोग तस्वीर 2

पूर्णिया, 05 दिसंबर (हि.स.)।

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं, सिख, बौद्ध ,जैन, ईसाईयों पर हो रहे हमलों के खिलाफ आज पूर्णिया में भारी आक्रोश दिखा।

बांग्लादेशी हिन्दू हित संघर्ष समिति पूर्णिया के संयोजक पवन कुमार पोद्दार ने प्रेस के माध्यम से बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर वहां के चरमपंथियों द्वारा लगातार अत्याचार ,हमले , हत्या,लुट, आगजनी, बलात्कार, मठ-मंदिर बिधंव्स, सम्पत्ति पर कब्जा, मानवाधिकार हनन के विरोध में आज पुर्णिया के सकल हिन्दू समाज,साधु -संत, सभी हिन्दू वादी संगठन के हजारों कार्यकर्ताओं एवं महिला- पुरुषों ने सड़क पर उतर कर आर एन साह चौक स्थित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होकर आक्रोश जताया।

हजारों लोगों ने हाथ में स्लोगन लिखे तख्ती लिए बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, हिन्दू इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग की। धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों ने नारा लगाया - बंगलादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हमले बंद हो, मानवाधिकार हनन बंद हो, मठ-मंदिर बिधंव्स बंद हो,हिन्दुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे,हम इंसाफ चाहते हैं,हर धर्म का सम्मान जरूरी, हिन्दुओं पर हमला मानवता पर कलंक, बंगलादेश सुनो पुकार हिन्दू समाज का करो सत्कार, धर्म के नाम पर हिंसा क्यों, हिन्दू की रक्षा हमारी अपेक्षा, बंगलादेश न्याय दो, अत्याचार बंद करो, आदि।

धरना प्रदर्शन स्थल से जिला अधिकारी पूर्णिया के कार्यालय जाकर भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी श्री कुन्दन कुमार को सौंपा गया।।ज्ञापन समर्पित करने वाले शिष्टमंडल में कार्यक्रम संयोजक श्री पवन कुमार पोद्दार, सहसंयोजक श्री श्याम तापड़िया, श्री विरेन्द्र कुमार मेहता, श्री दीपक मंडल एवं श्री प्रफुल्ल रंजन वर्मा थे। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग की गई है कि बांग्लादेश में वहां के चरमपंथियों/इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा निर्दोष अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध, जैन,सिख, ईसाईयों पर धर्म के आधार पर अत्याचार ,हमले, हत्या, लूट,मानवाधिकार हनन,आगजनी मठ-मंदिर बिधंव्स तथा महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक है जिसका हम सभी पूर्णिया एवं भारतवासी भर्त्सना एवं विरोध करते हैं।

वर्तमान की बांग्लादेशी सरकार तथा अन्य एजेंसियां इसे रोकने के बजाय मुकदर्शक बनी हुई है। जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।अपने मानवाधिकार की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बंग्लादेश सरकार द्वारा जेल में डालना अन्यायपूर्ण है। इसलिए हम पूर्णिया जिलावासी राष्ट्रपति एवं भारत सरकार से मांग करते हैं कि हिन्दुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार अविलंब बंद होने, श्री कृष्ण चिन्मय कृष्ण दास को जेल से रिहा करने, अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार की रक्षा करने, वैश्विक अभिमत बनाने तथा कट्टरपंथियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित हो।

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हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह

   

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