अब राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्र रेलवे सिग्नलिंग एवं कवच सिस्टम का करेंगे अध्ययन

काेटा, 6 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने ट्रेन संचालन में सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) विकसित की है। यह प्रणाली ट्रेन की गति की निगरानी करती है और लोको पायलट की प्रतिक्रिया न होने पर स्वचालित ब्रेक लगाती है, जिससे दुर्घटनाओं की रोकथाम होती है। खराब मौसम में भी यह संचालन को सुरक्षित बनाती है। यह प्रणाली सभी प्रकार के भौगोलिक क्षेत्रों जैसे पहाड़ी, रेगिस्तानी और तटीय क्षेत्रों में प्रभावी होगी।

रोहित मालवीय वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक /जनसम्पर्क अधिकारी, कोटा के अनुसार पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में 24 सितंबर 2024 को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सवाई माधोपुर-इंदरगढ़ सेक्शन में 'कवच' 4.0 प्रणाली का परीक्षण करते हुए रेलवे सुरक्षा तकनीक में एक नई मिसाल कायम की थी। भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान (आईआरआईएसईटी) सिकंदराबाद भारतीय रेलवे का एक प्रमुख संस्थान है, जो रेलवे कर्मियों और उद्योग पेशेवरों को सिग्नल और दूरसंचार विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान करता है। इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1957 में रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई थी। आईआरआईएसईटी ने स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) और रेलवे सिग्नलिंग पर ज्ञान और कौशल का विस्तार करने के लिए शिक्षाविदों और उद्योग के बीच सहयोग बढ़ाकर क्षमता निर्माण की दिशा में कदम उठाए हैं।

भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान व राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) ने छात्रों को रेलवे सिग्नलिंग और कवच को वैकल्पिक विषय के रूप में पेश करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू के माध्यम से यह साझेदारी राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को इरिसेट की उन्नत सुविधाओं और प्रशिक्षण संसाधनों तक पहुँच प्रदान करेगी, जिससे रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम, विशेष रूप से कवच प्रणाली में छात्रों की समझ में काफी वृद्धि होगी और परिवहन के क्षेत्र में ज्ञान और कौशल में वृद्धि होगी। कवच प्रणाली ट्रेन की सुरक्षा करती है और रेल दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करती है। इस एमओयू के माध्यम से आरटीयू के छात्रों को न केवल रेलवे तकनीक का व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि यह साझेदारी उनकी शिक्षा और कौशल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगी। कवच प्रणाली के अध्ययन से छात्रों को रेलवे में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और भारत की रेलवे सुरक्षा में उनके योगदान की संभावनाएं बढ़ेंगी। यह समझौता रेलवे तकनीक और शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति का प्रतीक है, जो भारत के तकनीकी और औद्योगिक विकास को मजबूती देगा।

एमओयू पर इरिसेट सिकंदराबाद के महानिदेशक शरद कुमार श्रीवास्तव, आरटीयू के कुलपति प्रोफेसर एस.के.सिंह ने पश्चिम मध्य रेलवे/कोटा के मुख्य सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर/परियोजना सचिन शुक्ला और आरटीयू के डीन डॉ. वी.के. गोराना और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

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