राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग की दाे दिवसीय कार्यशाला का हुआ शुभारंभ

जयपुर, 22 नवंबर (हि.स.)। जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान,मानद विश्विद्यालय के पंचकर्म विभाग द्वारा पंचकर्म प्रोसिजर (वमन, विरेचन)की श्रंखला के तहत पर 22 से 23 नवंबर तक आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने आयुर्वेद एवं पंचकर्म की जानकारी देते हुए वर्तमान समय मे पंचकर्म उपक्रमों के मानकीकरण की नितांत आवश्यकताओ पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला की सराहना की। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में पंचकर्म चिकित्सा का बहुत बड़ा महत्व है। पंचकर्म के द्वारा कई रोगों के उपचार को किया गया है। पंचकर्म की प्रक्रिया का पूरे देश में के एक मानकीकरण होने से आमजन को कई रोगों के निदान में पंच कर्म चिकित्सा पद्धति का लाभ मिल सकेगा।

पंचकर्म विभागाध्यक्ष डॉ गोपेश मंगल ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्देश्य पंचकर्म उपक्रमों के मानको को पूरे देश के लिये तैयार किया गया है, जिससे देश में पंचकर्म प्रोसिजर में एकरुपता आए तथा सभी देशवासियों को कई रोगों के निदान में पंचकर्म चिकित्सा का समान लाभ मिल सके। राष्ट्रीय कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों से 14 विशेषज्ञ सम्मिलित हुए, विशेषज्ञों द्वारा पूर्व कर्म वमन, विरेचन, आदि पंचकर्म विषयो पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई |

राष्ट्रीय कार्यशाला के शुभारंभ समारोह मे कुलपति प्रो. संजीव शर्मा, पंचकर्म विभागाध्यक्ष डॉ. गोपेश मंगल, डॉ. सर्वेश कुमार सिंह, डाॅ. क्षिप्रा राजोरिया, डॉ. विपिन तंवर, पंचकर्म वैद्य डॉ. वैभव बापट और डॉ. अनुश्री डी.उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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