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चंडीगढ़, 19 फ़रवरी (हि.स.)। उत्तर हरियाणा में दक्षिण हरियाणा से ज्यादा बिजली चोरी हो रही है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) में 12.37 प्रतिशत लाइन लास है जबकि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) का लाइन लास घटकर 9.15 प्रतिशत रह गया है। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) की बुधवार को आयोजित राज्य सलाहकार समिति की बैठक में यह जानकारी सामने आई। ए
एचईआरसी के चेयरमैन नंदलाल शर्मा ने आपरेशनल दक्षता को बढ़ाने और औसत आपूर्ति लागत (एसीसी) और औसत राजस्व वसूली (एआरआर) के बीच के अंतर को कम करने पर जोर दिया। उन्होंने बिजली कंपनियों को पूर्णकालिक विशेषज्ञ सलाहकार की नियुक्ति करने के निर्देश दिए, ताकि विद्युत क्षेत्र की कार्यप्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाया जा सके।
एग्रीगेट एंड कामर्शियल लास को कम करने के प्रयासों की समीक्षा में डीएचबीवीएन के प्रबंध निदेशक ए श्रीनिवास ने बताया कि निगम के 42.58 लाख उपभोक्ता हैं। वर्तमान में 12.37 प्रतिशत वितरण हानियां हैं, जिसे एकल अंक में लाने का लक्ष्य रखा गया है। यूएचबीवीएन के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार मीणा ने बताया कि निगम के 37.64 लाख उपभोक्ता हैं। हानियां घटकर 9.15 प्रतिशत रह गई हैं, जो नियामकीय सीमा के भीतर है।
एचवीपीएन की प्रबंध निदेशक आशिमा बराड़ ने बताया कि निगम 468 सब स्टेशनों का संचालन करता है और ट्रांसमिशन हानियां केवल 1.86 प्रतिशत हैं, जो एचईआरसी के नियामक मानकों से कम हैं। हालांकि उन्होंने हाई टेंशन ट्रांसमिशन लाइनों के लिए बढ़ते मुआवजे की लागत को लेकर चिंता जताई। एचपीजीसीएल के एमडी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि कुल बिजली उत्पादन क्षमता 2,587.40 मेगावाट है और यह एचईआरसी के दिशा-निर्देशों के तहत सुचारू रूप से कार्य कर रहा है।
उद्योगों के प्रतिनिधि नारंग और सुमित राव ने बिजली आपूर्ति में अनियमितताओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की, जिससे व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस पर एचईआरसी चेयरमैन नंद लाल शर्मा ने उद्योगों के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया और औद्योगिक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत करने के निर्देश दिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा