धर्मतला में जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन जारी, सरकार को दी 24 घंटे की चेतावनी और अनशन की घोषणा

कोलकाता, 05 अक्टूबर (हि.स.)। जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर नई रणनीति के साथ आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। शुक्रवार को धर्मतला में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। यदि उनकी मांगें इस समय सीमा में पूरी नहीं की गईं, तो उन्होंने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने की घोषणा की है। शुक्रवार रात को सभी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर इलाज करते नजर आए हैं।

पिछले कुछ दिनों से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर विभिन्न मंचों पर चर्चा हो रही थी। गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक लगभग 10 घंटे चली बैठक में जूनियर डॉक्टरों ने अपने अगले कदम का खाका तैयार किया। शुक्रवार रात उन्होंने घोषणा की कि हड़ताल तो खत्म की जाएगी, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।

जूनियर डॉक्टरों ने धर्मतला के वाई चैनल पर एक धरना स्थल स्थापित किया, जहां एक बड़ी घड़ी लगाई गई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह घड़ी सरकार को समय सीमा की याद दिलाएगी। यदि 24 घंटे के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टरों के वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि डॉक्टर ओपीडी और आईपीडी दोनों में आवश्यक सेवाएं दे रहे हैं। इसके कुछ घंटों बाद ही जूनियर डॉक्टरों ने अपनी पूर्ण हड़ताल का ऐलान किया था। हालांकि, कई डॉक्टरों ने यह सुझाव दिया था कि हड़ताल से हटकर कोई अन्य रास्ता अपनाना चाहिए।

शुक्रवार को एसएसकेएम अस्पताल से जूनियर डॉक्टरों ने एक बड़ी रैली निकाली, जिसमें सीनियर डॉक्टर और आम जनता भी शामिल हुए। रैली धर्मतला पहुंचने पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब पुलिस के एक अधिकारी पर डॉक्टरों के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगा। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने धर्मतला की सड़कों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

रैली में डॉक्टरों ने एक बड़ा घड़ी टेबलो के रूप में रखा था, जिसे लेकर लोगों में काफी उत्सुकता थी। डॉक्टरों ने पत्रकारों को बताया कि यह घड़ी प्रतीकात्मक है और सरकार को हर मिनट, हर घंटे की याद दिलाएगी। उन्होंने कहा कि यदि 24 घंटे में सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो वे अनशन पर बैठ जाएंगे।

डॉक्टरों ने साफ किया कि वे किसी दबाव में हड़ताल खत्म नहीं कर रहे हैं, बल्कि आम जनता की सेवा के लिए यह फैसला लिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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