हुनरमंद कामगारों को कौशल का प्रमाण पत्र देगा मुक्त विवि : प्रो. सत्यकाम

प्रयागराज, 19 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विद्यार्थी एक साथ दो डिग्रियां हासिल कर सकते हैं। ऐसे कामकाजी महिलाएं एवं पुरुष जिनके पास अभी तक स्नातक-स्नातकोत्तर की उपाधि नहीं है वे सेवारत रहते हुए मुक्त विवि से आसानी से उपाधि (डिग्री) अर्जित कर सकते हैं।

उक्त विचार कुलपति प्रो. सत्यकाम ने गुरूवार को मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र जगतपुर पी.जी. कॉलेज, जगतपुर, वाराणसी में मुक्त विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के अवसर-शिक्षा से रोजगार तक विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुक्त विवि का कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश है। विश्वविद्यालय पूरे उत्तर प्रदेश में रोजगार परक एवं कौशल पूर्ण शिक्षा देने के लिए कटिबद्ध है। समाज में अभी भी बहुत से ऐसे हुनरमंद कामगार हैं जिनके पास कौशल का प्रमाण पत्र नहीं है। मुक्त विवि ने उन्हें कौशल युक्त प्रमाण पत्र देने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए समाज को जागरूक करने के लिए विश्वविद्यालय ने वाराणसी क्षेत्र केन्द्र एवं जगतपुर पीजी कॉलेज को यह जिम्मेदारी सौंपी है।

संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि वाराणसी क्षेत्रीय केंद्र के क्षेत्रीय समन्वयक डॉक्टर एस के सिंह ने कहा कि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को नियमित पाठ्यक्रम के साथ-साथ मुक्त विवि द्वारा आयोजित रोजगार एवं कौशलपरक कार्यक्रमों में प्रवेश लेना चाहिए जिससे उनको रोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्राप्त हो सकें।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अनिल प्रताप सिंह ने कहा कि “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020“ के क्रियान्वयन में मुक्त विश्वविद्यालय अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो रमेश चन्द ने कहा कि जो विद्यार्थी नियमित रूप से अध्ययन नहीं कर पाते हैं उनको मुक्त विवि एक आशा की किरण के रूप में दिखाई पड़ता है।

मुक्त विवि के पीआरओ डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि संगोष्ठी में भारत सरकार के “स्वच्छता ही सेवा 2024“ पखवाड़ा कार्यक्रम की संयोजिका डॉ लक्ष्मी सिंह ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, प्राचार्य, निदेशक तथा सभी प्राध्यापक एवं प्राध्यपिकाओं सहित छात्र-छात्राओं को ’स्वच्छता शपथ’ दिलाई। संचालन डॉ विनय प्रकाश शर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन अध्ययन केंद्र के समन्वयक एवं संयोजक डॉ नंदलाल शर्मा ने किया। संगोष्ठी में महाविद्यालय के निदेशक प्रो. निलय कुमार, प्रो. पुष्पा सिंह, डॉ कृपाशंकर सिंह, डॉ संजय कुमार उपाध्याय, डॉॅ चंद्रशेखर पांडेय, डॉ सारिका सिंह, डॉ अंकुर राय, डॉ आशीष कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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