मातृशक्ति की प्रतिभा और कौशल से देश-दुनिया को परिचित करा रही सरकार : गणेश जोशी 

देहरादून, 08 नवंबर (हि.स.)। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को धरातल पर उतारने का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति की प्रतिभा और कौशल से देश-दुनिया को परिचित कराने का कार्य भी किया जा रहा है। आज देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। उत्तराखंड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है।

ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी शुक्रवार को देहरादून के एक सभागार में केंद्रीय रेशम बोर्ड एवं रेशम निदेशालय तथा ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (आरईएपी) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित प्रिजर्वेशन ऑफ दून सिल्क हेरिटेज प्रोजेक्ट के लिए संसाधन विकास कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में धामी सरकार का संकल्प है कि वर्ष 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में तैयार किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। निश्चित ही सरकार लक्ष्य से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी बनाएगी।

ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रिजर्वेशन ऑफ दून सिल्क हेरिटेज योजना के जरिए आजीविका कार्यक्रम के अंतर्गत तैयार किए गए महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से रेशम की खेती, सोलर द्वारा संचालित मशीनों से रेशम धागे के उत्पादन एवं रेशम कोकून काफ्ट का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से महिला काश्तकारों को स्वावलंबी बनने में मदद होगी एवं वार्षिक रूप से औसतन 50 हजार रुपये की आमदनी अर्जित कर पाएंगी।

उन्होंने कहा कि इस योजना में प्रतिवर्ष 700 मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा, जो महिलाओं की आजीविका को मजबूती प्रदान करेगा। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 13 जनपदों में 300 महिलाओं को लाभांवित किए जाने का लक्ष्य है। योजनांतर्गत कुल 660.583 लाख की धनराशि का प्राविधान वर्ष 2024-25 से 2027-28 तक (चार वर्ष के लिए) किया गया है। आईएफएडी कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित आरईएपी परियोजना और रेशम विभाग की ओर से योजना का संचालन किया जा रहा है। इस दौरान ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले लोगों को प्रशिक्षण पत्र भी प्रदान किए।

इस दौरान रेशम फेडरेशन पूर्व अध्यक्ष अजीत चौधरी, उप आयुक्त आरडी नरेश कुमार, वैज्ञानिक केंद्रीय रेशम बोर्ड डॉ. सिद्दीकी अली अहमद, प्रभारी निदेशक प्रदीप कुमार, पूर्व निदेशक डॉ. तिवारी आदि उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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