गोलाघाट (असम), 09 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध काजीरंगा अभयारण्य में स्थित ऐतिहासिक महामाया श्रीश्री काकगोसांनी दुर्गा थान में हर्षोल्लास के साथ बीते वर्षों की भांति इस बार भी दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर माता का आशीर्वाद लेने के लिए यहां दूर-दूर से श्रद्धालु भक्त पहुंचते हैं। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दुर्गा पूजा के मौके पर यहां पहुंच रहे हैं।
आयोजन समिति द्वारा आज दी गई जानकारी के अनुसार यहां इस साल भी दुर्गा पूजा के आयोजन में प्लास्टिक का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है। इस दुर्गा पूजा का आयोजन पूरी तरह से पर्यावरण को ध्यान में रखकर किया जाता है।
पूजा के दौरान यहां बलि प्रदान करने का विशेष प्रावधान है। आयोजन समिति ने आज बताया कि इस वर्ष अब तक सात भैंसे, तीन सौ से अधिक छागर (पाठा), 1500 से अधिक बतख-कबूतरों आदि का पंजीकरण बलि चढ़ाने हेतु किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी पंजीकरण जारी है। बलि प्रदान पंजीकरण का आंकड़ा अगले दो दिनों में काफी अधिक बढ़ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि दुर्गा पूजा के मौके पर नवमी तिथि को राज्य के बिल्लेश्वर देवालय, दीर्घेश्वरी देवालय के साथ ही कामाख्या धाम एवं इस प्रकार के दर्जनों प्रसिद्ध शक्तिपीठों पर इसी प्रकार से बलि प्रदान किया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु भक्त पहले से ही बलि के लिए पशु-पक्षियों का पंजीकरण कराकर रखते हैं।
पूरे राज्य में दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है। आज षष्ठी तिथि को मां दुर्गा की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा किया जाना है। दुर्गा पूजा स्थलों पर 'सांगसायुध सवाहन सपरिवार मां दुर्गा' की प्रतिमाएं स्थापित की जा चुकी हैं। आज रात माता की प्रतिमा का 'बेलबरण' किया जाएगा। पूरा राज्य इस दौरान धर्ममय हो चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश