आज़मगढ़ में स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए अलग राष्ट्र की मांग की 

दीप प्रज्वलित करते स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती

55 लाख की आबादी पर यहूदियों के ​लिए देश तो एक करोड़ 20 लाख पर क्यों नहीं ?

सरकार को बांग्लादेश में हस्तक्षेप कर कठोर कदम उठाए

आज़मगढ़ , 4 दिसंबर (हि.स.)। अगर इजराइल लाख यहूदियों के लिए अलग देश बनाया जा सकता है तो बांग्लादेश में एक करोड़ की 20 लाख की आबादी वाले हिंदुओं के लिए चटगांव वाले हिस्से को काटकर अलग देश क्यों नहीं बनाया जा सकता है। जब भारत में 23 प्रतिशत मुसलमान थे तो उन्हें देश की जमीन का 30 प्रतिशत हिस्सा देकर अलग देश दे दिया गया। अगर उन्हें अलग देश चाहिए तो वह पाकिस्तान जाने के लिए स्वतंत्र हैं। उक्त बातें अ​खिल भारतीय संत समिति के महामंत्री और अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बुधवार को आज़मगढ़ के कलेक्ट्रेट पर आयोजित विरोध-प्रदर्शन के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि एक अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्र के तहत हिन्दू जेनोसाइट लोग पूछते थे मंदिर कैसे टूटे और हिंदू मंदिरों के लिए जो आज दावा कर रहे है कि कब तोड़े थे, कैसे टूटे थे, तो जिन पीढ़ियों ने नहीं देखा, उसे बांग्लादेश में जो हो रहा है और 90 के दशक में जो जम्मू कश्मीर में हुआ, उससे उसके प्रश्नों का जवाब मिल जाएगा। आगे की पीढ़ी इस दंश को न झेलें, इसे लेकर आज देश के गांव-गांव में यह प्रदर्शन हाे रहा है। हिंदू समाज को जगाने के लिए। पूरी दुनिया में सबसे अ​धिक हिंदुओं की हत्या हुई है और वह हत्या है 45 करोड़ से ऊपर। तो अब इस हत्या, बलात्कार और दंश को झेलने के लिए तैयार नहीं है। हमारी मांग है कि सरकार को बांग्लादेश में हस्तक्षेप करते हुए कठौर कदम उठाने चाहिए। कठोर कदम का मतदान सैन्य कार्रवाई होती है। हम जानते हैं सरकार उदासीन नहीं है क्योंकि सरकार ने जिस तरीके से सरकार ने शेख हसीना का रेस्क्यू किया और उन्हें बचाया। अगर नहीं करती तो शेख हसीना की हत्या हो जाती। हमें सरकार से सवाल नहीं करना है ब​ल्कि सरकार के साथ कदम ताल कर उसके फैसले पार पीछे खड़ा रहना है। सरकार को निर्णय लेने दीजिए, वह सही समय पर निर्णय लेगी। हम चाहते हैं कि अगली पीढ़ी के समक्ष यह इतिहास न दोहराया जाए। संभल की घटना पर उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों की गुंडागर्दी है। पुलिस प्रशासन मरने के लिए नहीं है। न्यायालय के आदेश का पालन करने गए पुलिस कर्मियों पर रातोंरात पत्थर कैसे आए। आज जो राजनीतिक दल पांच-पांच लाख रुपये बांट रहे हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि वह राजनीतिक दल चला रहा है या गुंडों का दल चला रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजीव चौहान

   

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