प्राकृतिक खेती से आत्मनिर्भर बनीं जसवीर कौर, सैकड़ों महिलाओं को दिया रोजगार

नाहन, 08 मार्च (हि.स.)।आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर खड़ी हैं और कई बार उनसे आगे भी निकल रही हैं। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब की जसवीर कौर इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाकर न केवल अपनी आय को पाँच गुना बढ़ाया, बल्कि सैकड़ों महिलाओं को रोजगार भी दिया। इतना ही नहीं, वे अब तक हजारों महिलाओं को प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना चुकी हैं।

जसवीर कौर ने 2018 में प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाया। एक सेमिनार में जैविक खेती के बारे में जानकारी मिलने के बाद उन्होंने ठान लिया कि वे केमिकल युक्त खेती को छोड़कर पूरी तरह प्राकृतिक खेती अपनाएंगी। उनका मानना है कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों के इस्तेमाल से न केवल मिट्टी की गुणवत्ता खराब होती है, बल्कि इससे कई तरह की बीमारियां भी फैलती हैं। प्राकृतिक खेती अपनाने से न सिर्फ पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि लोगों को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक भोजन भी मिलेगा।

आज जसवीर कौर गेहूं, मक्का, गन्ना, अरबी जैसी कई फसलें उगाकर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।

प्राकृतिक तरीकों से खेती करने से उनकी लागत घटी और मुनाफा बढ़ा, जिससे उनकी आय पाँच गुना तक बढ़ गई। उनके इस प्रयास ने अन्य किसानों को भी प्रेरित किया, खासकर महिलाओं को, जो अब उनकी मदद से जैविक खेती की ओर बढ़ रही हैंजसवीर कौर की मेहनत और समर्पण को न सिर्फ हिमाचल प्रदेश सरकार ने सराहा, बल्कि उन्हें प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा, 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके कार्यों की सराहना की और उन्हें प्राकृतिक खेती के लिए बधाई दी।

जसवीर कौर का मानना है कि सही दिशा में मेहनत की जाए, तो खेती से भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। उन्होंने न सिर्फ खुद को आर्थिक रूप से मजबूत किया, बल्कि सैकड़ों महिलाओं को भी यह सिखाया कि वे प्राकृतिक खेती अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। उनका कहना है कि यदि किसान जैविक खेती को अपनाएं, तो इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ समाज भी स्वस्थ और समृद्ध बनेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर

   

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